कनक राज पाठक
योग शब्द जब कानों में पड़ते हैं, तो सहज ही मन में अलग-अलग आसनों और मुद्राओं को धारण किये लोगों की छवि बनने लगती है। ऐसा क्यों होता है? क्योंकि, एक सामान्य जीवनचर्या वाला व्यक्ति अपने आसपास योग को इसी रूप में देखता है। लेकिन, “योग विज्ञान” की दृष्टि से देखें, तो मुद्राएं और आसन योग का एक अंग मात्र है, जो योग के प्रायोगिक पक्ष को दर्शाते हैं। इन प्रायोगिक पक्ष से परे भी योग का एक विशद संसार है, जो आत्मसाक्षात्कार कराता है, मन पर नियंत्रण सिखाता है और परहित चिन्तन में सुख की अनुभूति कराता है। योग का मूल उद्देश्य ही है आत्मसाक्षात्कार से परमात्मसाक्षात्कार। यानी, स्वयं में ईश्वरीय चेतना का वास मानते हुए उस चेतना की अनुभूति करना।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। 21 जून की खासियत यह है कि इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि योग भी मनुष्य के जीवन को लम्बा बनाता है।
11जून 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 देशों द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी। भारत के इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अन्दर पूर्ण बहुमत के साथ पारित किया गया था, जो किसी प्रस्तावित दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ में पारित करने के लिए अब तक का सबसे कम समय है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने दुनियाभर में योग के महत्त्व और उसके लाभों को प्रचारित करने में बड़ी भूमिका निभायी है। हर वर्ष इस दिवस की एक अलग थीम होती है, जो योग के अलग-अलग पहलुओं और उसके व्यापक लाभों की ओर ध्यानाकृष्ट कराते हैं।
वर्ष 2015 में पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम “सद्भाव और शांति के लिए योग” था। यह कार्यक्रम नयी दिल्ली में राजपथ पर आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज किये। पहला यह कि एक ही स्थान पर एक ही योग सत्र में 35 हजार 985 लोगों की भागीदारी और दूसरा 2015 में एक योग सत्र में सबसे अधिक 84 राष्ट्रीयताओं की भागीदारी के लिए भी।
वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम था – “युवाओं को जोड़ें”। चंडीगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ करीब 30 हजार लोग और 150 दिव्यांगजनों ने हिस्सा लिया।
स्वास्थ्य के लिए योग थीम पर वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 51 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने जीवनशैली में योग के महत्त्व पर चर्चा की।
शांति के लिए योग थीम के साथ वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित हुआ, इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 50 हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
जलवायु कार्रवाई थीम के साथ 2019 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए।
स्वास्थ्य के लिए योग – घर-घर योग थीम के साथ 2020 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण वर्चुअल मोड में आयोजित हुआ।
स्वास्थ्य के लिए योग थीम के साथ वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की ओर से तैयार एम योगा ऐप लाॅन्च किया। इस ऐप में हिन्दी, फ्रेंच और अंग्रेजी भाषा में योग के विभिन्न आसन, मुद्राओं और अन्य जानकारी को साझा किया गया है।
2022 में मानवता के लिए योग थीम के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह कार्यक्रम कर्नाटक के मैसूर में आयोजित हुआ।
2023 में वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम न्यूयॉर्क में आयोजित हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि योग जीवन जीने का एक तरीका है।
2024 में स्वयं और समाज के लिए योग थीम के साथ श्रीनगर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के ग्राम प्रधानों के साथ संवाद किया और योग को जन नेतृत्ववाला आन्दोलन बनाने का आग्रह किया।
इस वर्ष यानी 21 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशाखापत्तनम शहर में आयोजित किया गया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के ग्यारहवें संस्करण के लिए थीम निर्धारित है “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”।



