New Delhi News : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। केन्द्र और सभी राज्य यदि एक साथ मिल कर टीम इंडिया की तरह काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असम्भव नहीं है।’ यह बात उन्होंने शनिवार को भारत मंडपम में आयोजित नीति आयोग की दसवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कही।
गवर्निंग काउंसिल की इस वर्ष की थीम विकसित भारत के लिए विकसित राज्य@2047 का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है। जब हर राज्य विकसित होगा, तो भारत भी विकसित होगा। यह 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है। राज्यों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तथा सभी सुविधाएं और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराते हुए प्रत्येक राज्य में कम से कम एक पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने ‘एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य’ का मंत्र दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पड़ोसी शहरों का भी पर्यटन स्थल के रूप में विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। विकास, नवाचार और स्थिरता हमारे शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए। हमें अपने कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में काम करना चाहिए। हमें ऐसे कानून और नीतियां बनानी चाहिए, जिससे उन्हें कार्यबल में सम्मानपूर्वक शामिल किया जा सके।
गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विकसित भारत@2047 के लिए विकसित राज्यों के दृष्टिकोण पर चर्चा की गयी। बैठक में उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल बढ़ाने और देशभर में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने के उपायों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
36 में से 31 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों ने लिया भाग
नीति आयोग की बैठक में 36 में से 31 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों ने भाग लिया है। यह जानकारी सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने साझा की है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार और पुडुचेरी नीति आयोग परिषद की बैठक में शामिल नहीं हुए।
10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमारे 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में से 31 ने इस बैठक में हिस्सा लिया। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की यह अब तक की सबसे अधिक भागीदारी है। यह वास्तव में दर्शाता है कि लोग बहुत सकारात्मक सोच के साथ आये थे। पांच राज्य, जो अनुपस्थित रहे, उनमें कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और बिहार शामिल है। इस बाबत हमें पहले से ही सूचित कर दिया गया था। हमें पहले से ही पता था कि वे नहीं आ रहे हैं।’
नीति आयोग की बैठक में शामिल थे दो एजेंडे
उन्होंने कहा, ‘बैठक के एजेंडे में कार्रवाई रिपोर्ट के अलावा दो आइटम शामिल थे। सबसे पहले, बैठक का विषय और एजेंडे में पहला आइटम ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ था। पूरा विचार यह है कि पिछली गवर्निंग काउंसिल में प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से अपने-अपने राज्य के विजन तैयार करने का आह्वान किया था, ताकि उनके पास ऐसे विजन हों, जो बाद में एक बड़े समूह में समाहित हो जायें। राष्ट्र के लिए विजन। इसलिए मुझे लगता है कि पिछले एक साल से एजेंडा इसी पर आधारित है और यही कारण है कि आज की गवर्निंग काउंसिल की बैठक का मुख्य विषय यही रहा।’
ढाई-तीन साल में हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था होंगे
बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने इस दौरान कहा, ‘भारत एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर है। मुझे लगता है कि देश एक ऐसे मुकाम पर है, जहां यह बहुत तेजी से विकास कर सकता है। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से अपने स्तर पर विजन दस्तावेज तैयार करने का आह्वान किया है और यह भारत के विकास में पहले से ही दिखाई दे रहा है। मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। आज भारत जापान से भी बड़ा है। अगर हम अपनी योजना और सोच-विचार पर टिके रहें, तो यह अगले ढाई से तीन साल की बात है, हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेंगे। अच्छी बात यह है कि लगभग 17 राज्यों ने अपने विजन तैयार कर लिये हैं और जारी कर दिये हैं या जारी करनेवाले हैं। उनमें से पांच ने विजन जारी कर दिये हैं- यूपी, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और अन्य अगस्त तक विजन जारी कर देंगे।’



