जेन-जी विरोध प्रदर्शनों के बीच ओली पर इस्तीफे का दबाव
- पुलिस से हुई झड़प में करीब 20 की मौत ओर 100 से ज्यादा घायल
Kathmandu News : नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार पर भारी दबाव बढ़ गया है। राजधानी काठमांडू समेत देशभर में जेन-जी विरोध प्रदर्शनों ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। प्रदर्शनकारियों ने संसद और सरकारी दफ्तरों को निशाना बनाया, जिससे हालात बिगड़ गये। पुलिस के साथ हुई झड़पों में अब तक 20 लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल हो गये हैं।
युवाओं की अगुवाई में चल रहे प्रदर्शनों के बाद विपक्षी दलों ने ओली को पद छोड़ने की चेतावनी दी है। माओवादी सेंटर प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने साफ कहा कि ओली अब सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं। कई छोटे दल भी उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस मामले को लेकर नेपाल के वरिष्ठ संविधान विशेषज्ञ भीमार्जुन आचार्य ने कठोर शब्दों में कहा है, कि यह सरकार की अक्षमता की पराकाष्ठा है। ओली अब खुद को शासक कहलाने का कोई अधिकार नहीं रखते। उन्हें तुरंत सत्ता छोड़नी चाहिए और रास्ता साफ करना चाहिए।
युवाओं का मूवमेंट और बढ़ा दबाव
जेन-जी मूवमेंट को नेपाल के युवाओं की अभिव्यक्ति और हताशा की आवाज माना जा रहा है। आचार्य के मुताबिक यह आंदोलन स्वत:स्फूर्त है और यह लाखों लोगों की नाराजगी का प्रतीक है, जो कानून के शासन और सुशासन की कमी से परेशान हैं।
नेपाल की अस्थिर राजनीति में नया अध्याय
नेपाल में राजशाही खत्म होने और लोकतंत्र लागू होने के बाद से कोई भी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायी है। ओली खुद कई बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन हर बार उन्हें कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही सत्ता से हटना पड़ा। मौजूदा हालात ने एक बार फिर आशंका पैदा कर दी है कि ओली सरकार ज्यादा समय तक टिक नहीं पायेगी।



