Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
Error
Location unavailable
🗓️ Tue, Apr 8, 2025 🕒 10:38 PM

सुप्रीम कोर्ट चुनावों में मुफ्त की रेवड़ियों पर नाराज; अदालत ने कहा- इस वजह से लोग काम करने को लेकर अनिच्छुक

सुप्रीम कोर्ट चुनावों में मुफ्त की रेवड़ियों पर नाराज; अदालत ने कहा- इस वजह से लोग काम करने को लेकर अनिच्छुक

Share this:


New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनावों से पहले मुफ्त उपहारों (फ्रीबीज) की घोषणा करने की प्रथा पर नाराजगी व्यक्त की। अदालत ने कहा कि लोग अब काम करने के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि उन्हें मुफ्त राशन और धनराशि मिल रही है। फ्रीबीज पर अदालत ने सख्त टिप्पणी की है।

जस्टिस बी. आर. गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की टिप्पणी
जस्टिस बी. आर. गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के आश्रय के अधिकार से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस गवई ने कहा कि दुर्भाग्यवश, इन मुफ्त योजनाओं के कारण लोग काम करने के इच्छुक नहीं हैं। उन्हें बिना काम किए मुफ्त राशन और धनराशि मिल रही है। बेंच ने यह भी कहा कि सरकार को लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने और उन्हें राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करना चाहिए। अदालत ने कहा, ‘हम उनके (बेघर लोगों) के लिए आपकी फिक्र की तारीफ करते हैं, लेकिन क्या यह बेहतर नहीं होगा कि उन्हें समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनाया जाए और उन्हें देश के विकास में योगदान करने दिया जाए।’

केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है
केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। इस मिशन में शहरी बेघर लोगों के लिए आश्रय प्रदान करने सहित विभिन्न मुद्दों का समाधान शामिल होगा। अदालत ने अटॉर्नी जनरल से यह वेरिफाई करने को कहा कि सरकार इस मिशन को कब तक लागू करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद निर्धारित की है।
इससे पहले, पिछले साल अक्टूबर में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फ्रीबीज को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। वह याचिका चुनाव के दौरान फ्रीबीज के ऐलान के खिलाफ थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की थी कि वह चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव से पहले मुफ्त की रेवड़ियों वाले वादें न करें

Share this:

Latest Updates