Health tips, yoga, Vrikasana, Lifestyle : वृक्षासन का नाम वृक्ष शब्द पर रखा गया है। इसका मतलब है पेड़। इस आसन में आप एक पेड़ की सी मुद्रा में खड़े होते हैं, इसलिए इसका नाम वृक्षासन रखा गया है। यह आसान (वृक्षासन) रोज करने से आपकी टाँगों, जांघों, पिंडली, टखनों और रीढ़ को मजबूत बनाने के लिए बहुत फायदेमंद है। इस लेख में वृक्षासन को करने के तरीके और उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि आसन करने के दौरान क्या सावधानी बरतें।
वृक्षासन रोज करने के फायदे
✓वृक्षासन जांघों, पिंडली, टखनों और रीढ़ को मजबूत करता है।
✓ग्राय्न और आंतरिक जांघों, छाती और कंधों में खिचाव लाता है।
✓शारीरिक संतुलन में सुधार लाता है।
✓कटिस्नायुशूल (साइटिका) से राहत दिलाता है।
✓फ्लैट पैर से होने वाली परेशानी कम कर देता है।
वृक्षासन करने से पहले यह आसन करें
✓बद्ध कोणासन।
✓ उत्थित त्रिकोणासन।
✓वीरभद्रासन 2।
वृक्षासन करने का तरीका
✓ताड़ासन में खड़े हो जायें।
✓दायें घुटनें को मोड़ें और दायें पैर के पंजे को बाई जाँघ पर जितना ऊपर हो सके टिकाएं।
✓एड़ी ऊपर की तरफ हो ओर पंजे ज़मीन की तरफ हों।
✓बाएँ पैर पर सारे शरीर का वज़न संतुलित करते हुए सीधे खड़े रहें।
✓जब संतुलन ठीक से बन गया हो, तब बाज़ुओं को ऊपर उठायें और सिर के सीधा उपर दोनो हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें।
✓इस मुद्रा में संतुलन बनाए रखना शुरुआत में कठिन होता है।
✓इसको थोड़ा आसान बनाने के लिए सामने की तरफ किसी एक जगह पर दृष्टि केंद्रित करें और उसे लगातार देखते रहें।
✓जब इस मुद्रा में संतुलन बनाए रखने में आप निपुण हो जायें, तब कोशिश करें की सिर उपर की और उठा कर दृष्टि उंगलियों पर केंद्रित करें।
✓30-60 सेकेंड इस मुद्रा में रहें।
✓सामान्य रूप से श्वास लेते रहें।
✓आसन से बहार निकालने के लिए सारे स्टेप विपरीत क्रम में करें।
✓दूसरी ओर यह सारे स्टेप्स दौहराएं।
वृक्षासन का आसान रूपांतर
✓यदि आपको संतुलन बनाए रखने में दिक्कत हो तो आप दीवार पर अपनी पीठ लगा कर खड़े हो सकते हैं।
वृक्षासन करने में ये सावधानी बरतें
✓यदि आपके सिर में दर्द, कम रक्तचाप, या हाई बीपी है, तो वृक्षासन ना करें।
✓यदि आप अनिद्रा से पीड़ित हैं, तो वृक्षासन ना करें।
वृक्षासन करने के बाद ये आसन करें
✓उत्थित हस्त पादंगुष्ठासन।
✓अर्ध बद्ध पद्मोत्तासन।