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अमेरिका ने छह भारतीय कम्पनियों पर लगाया प्रतिबंध, ईरान से पेट्रो प्रोडक्ट खरीदने का आरोप

अमेरिका ने छह भारतीय कम्पनियों पर लगाया प्रतिबंध, ईरान से पेट्रो प्रोडक्ट खरीदने का आरोप

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New Delhi: अमेरिका ने ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का व्यापार करने के आरोप में भारत की छह कम्पनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका के ताजा प्रतिबंधों का सामने करने वाली भारत की इन छह कम्पनियों के साथ दुनिया भर की 20 कम्पनियां शामिल हैं। माना जा रहा है कि ईरान पर दबाव बढ़ाने की कोशिशों के तहत अमेरिका का ये कदम उठाया है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि भारत की छह कम्पनियों समेत दुनिया की 20 कम्पनियों ने जान-बूझ कर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों की खरीदारी की। जिन भारतीय कम्पनियों को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, रमणीक लाल एस गोसालिया एंड कम्पनी, परसिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड, अल्केमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, जुपिटर डाईकेम प्राइवेट लिमिटेड और कंचन पॉलीमर्स के नाम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने पहले से ही ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाया हुआ है, जिसमें पेट्रोलियम सेक्टर में होनेवाला व्यापार भी शामिल है।
अमेरिका का आरोप है कि प्रतिबंधित की गयीं भारतीय कम्पनियों को पता था कि वे ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स खरीद कर ईरान पर अमेरिका द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रही हैं। इन कम्पनियों पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद अमेरिका या अमेरिका के नियंत्रण वाले क्षेत्र में इन कम्पनियों की परिसम्पत्तियों को फ्रीज कर दिया जायेगा। इसके साथ ही अगर इन कम्पनियों की पार्टनरशिप वाली कोई कम्पनी अमेरिका या अमेरिका के नियंत्रण वाले क्षेत्र में काम कर रही हैं, तो वे कम्पनियां भी प्रतिबंध के दायरे में आ जायेंगी। हालांकि, ये प्रतिबंध तभी लागू माना जायेगा, जबकि पार्टनरशिप फर्म में प्रतिबंधित भारतीय कम्पनी की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत या उससे अधिक की हो।
आरोप के मुताबिक ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड ने जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच ईरान से 510 लाख डॉलर से अधिक का मेथेनॉल और दूसरे पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स की खरीदारी की। इसी तरह अल्केमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर 2024 में जनवरी से दिसम्बर के दौरान ईरान से 840 लाख से अधिक का पेट्रोल केमिकल उत्पाद खरीदने का आरोप है।
इसके अलावा रमणीक लाल एस गोसालिया एंड कम्पनी पर ईरान से 220 लाख से अधिक का मेथेनॉल और दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट खरीदने का आरोप लगाया गया है। वहीं, परसिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड पर अक्टूबर से दिसम्बर 2024 के बीच 140 लाख डॉलर का मेथेनॉल खरीदने का आरोप है। इसी तरह जुपिटर डाइकिन प्राइवेट लिमिटेड पर ईरान से 490 लाख डॉलर से अधिक कीमत का आयात करने का आरोप लगा है, जबकि कंचन पॉलीमर्स पर ईरान से 13 लाख डॉलर से अधिक कीमत का पॉलिथीन खरीदने का आरोप लगाया गया है।
अमेरिका का आरोप है कि ईरान दुनिया में अस्थिरता पैदा करनेवाली गतिविधियों के लिए पैसा इकट्ठा करने में लगा हुआ है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का यह भी कहना है कि दुनिया में अस्थिरता बढ़ाने के लिए ईरान मिडिल ईस्ट में संघर्ष को प्रत्यक्ष और परोक्ष तरीके से प्रोत्साहित कर रहा है। इसीलिए अमेरिका ईरान के साथ व्यापारिक सम्बन्ध रखनेवालीं कम्पनियों पर सख्त कदम उठा रहा है, ताकि ईरान दुनिया भर में आतंकवाद और अस्थिरता को बढ़ावा देने के लिए धन संग्रह ना कर सके।
हालांकि, अमेरिका की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत की छह कम्पनियों समेत दुनिया भर की 20 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य उन्हें दंडित करना नहीं, बल्कि उन्हें अपने व्यापारिक व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है।
अमेरिका ने इसके साथ ही ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के पॉलिटिकल एडवाइजर अली शमखानी के बेटे मोहम्मद हुसैन शमखानी से जुड़े 50 लोगों और कम्पनियों पर भी प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीय मूल के पंकज नागजी भाई पटेल पर भी प्रतिबंध लगाने का एलान किया गया है। आरोप है कि पंकज नागजी भाई पटेल मोहम्मद हुसैन शमखानी की टेओडोर शिपिंग कम्पनी से जुड़े रहे हैं।

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