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City of joy : कोलकाता को मिलने वाला है बहुत ही खास तोहफा, जानें विस्तार से

City of joy : कोलकाता को मिलने वाला है बहुत ही खास तोहफा, जानें विस्तार से

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West Bengal news, Kolkata news : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बहुत जल्द ही गंगा (हुगली) के नीचे से मेट्रो ट्रेन गुजरनेवाली है। ऐसा भारत के इतिहास में पहली बार होगा। इसके लिए गंगा के घाट सजाए जाएंगे। जलमार्गों में और गति लाई जाएगी। विश्व बैंक की मदद से गंगा में 15 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक नाव उतारी जा रही हैं। 2024 तक ये योजनाएं पूरी हो जाएंगी। इन वातानुकूलित नावों में आधुनिक सीटें, बायो-टॉयलेट और कई अन्य सुविधाएं मौजूद होंगी, जो पर्यटकों को खूब रोमांचित करेंगी। 200 से 250 यात्रियों को एक साथ ले जाने वाली बड़ी नाव शहर में चलेगी। उपनगरों के बीच चलने वाली नावों में करीब करीब एक सौ यात्री सवारी कर सकेंगे।

कोच्चि शिपयार्ड के मॉडल पर तैयार होंगे शिपयार्ड

कोलकाता में इसके अलावा कोच्चि शिपयार्ड के मॉडल पर आधारित राज्य में तीन यार्ड बनाने की योजना है। चार जेटी के साथ प्रत्येक में एक यार्ड होगा। मिली जानकारी के अनुसार इन शिपयार्ड को मिलेनियम पार्क, हावड़ा और चंदननगर में बनाने की बातचीत चल रही है। इस बाबत नवान्न के अधिकारियों के साथ पोर्ट अथॉरिटी की बैठक भी हो चुकी है। यहां के महत्वपूर्ण घाटों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। बता दें कि कोलकाता की सड़कों पर दबाव कम करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार जल परिवहन की व्यवस्था करने में जुटी है। इस बाबत विश्व बैंक की सहायता से कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं। ई-वेसल लोअरिंग इसका एक हिस्सा है। गौरतलब है कि इन अत्याधुनिक जलयानों से 13 गंगा पार की जाएंगी। परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक तीनों शिपयार्ड पूरी तरह वातानुकूलित होंगे। यहीं पर इन ई-वेसल्स को रखा जाएगा।

दाे क्रूज लाने की योजना पर भी चल रहा काम

पश्चिम बंगाल सरकार जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दो क्रूज भी लाने की कवायद में जुटी है। इनमें पर्यटकों के लिए अलग कमरे से लेकर भोजन कक्ष और शौचालय तक सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। एक क्रूज पर्यटकों को एक दिन की सैर पर ले जाएगा। इसमें 70 से 75 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं। इन क्रूज को पर्यटन विभाग को सौंपा जा सकता है। अगले सप्ताह परिवहन विभाग के अधिकारियों की, ई-पोत निर्माण कंपनी की विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ बैठक है। इसमें कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक जहाज

विभागीय अधिकारियों की मानें तो गंगा नदी में इलेक्ट्रिक जहाज उतारे जायेंगे, ताकि जलमार्गों में प्रदूषण का स्तर कम हो। साथ ही साथ इन जहाजों की गति भी बढ़गी। आने वाले नए जहाजों की गति मौजूदा जहाजों की तुलना में करीब- करीब दोगुनी होती है। अब यात्रियों को गंगा पार करने के लिए कम से कम 6 रुपए देने होंगे। नए इलेक्ट्रिक जहाजों का किराया सामान्य मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा।

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