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Kolkata News: लक्ष्मी भंडार और कन्याश्री ने चुनाव में ममता की करा दी बल्ले बल्ले, बेचारी भाजपा

mamta banerjee and narendra modi

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West Bengal News : देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और आईपैक के संस्थापक प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव के पहले मोदी जी की बंपर जीत और पश्चिम बंगाल में 42 में से 30 सीटें भाजपा को आने तक की भविष्यवाणी कर दी थी, पर उनकी भविष्यवाणी थोथी साबित हुई। अब आईपैक के सह संस्थापक और निदेशक प्रतीक जैन का कहना है कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं को नकद सहायता देने की योजना ‘लक्ष्मी भंडार’ लोकसभा चुनाव-2024 में ममता बनर्जी के लिए ‘पासा पलटने वाली’ साबित हुई। आईपैक एक परामर्श एजेंसी है और चुनाव एवं राजनीति में तृणमूल कांग्रेस को अपनी सेवाएं देती है। पश्चिम बंगाल में मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरी भाजपा के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को मिली भारी जीत के बाद जैन ने ये बातें कहीं।

उम्मीदवारों का गलत चयन भी कारण

उम्मीदवारों का गलत चयन भी भाजपा के खराब प्रदर्शन का एक कारण हो सकता है, जिसे राज्य की 42 लोकसभा सीट में से महज 12 पर सफलता मिली है। तृणमूल ने 29 सीट पर जीत दर्ज की है। जैन को उनके करीबी पीके के तौर पर जानते हैं और 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर द्वारा तृणमूल का साथ छोड़ने के बाद उनकी संस्था ने अपनी सेवाएं देनी शुरू की।

ममता का मास्टर स्ट्रोक

मतगणना से पहले प्रशांत किशोर के पूर्वानुमान का संदर्भ देते हुए जैन ने हंसते हुए कहा, ‘‘मैं पहले चुप रहा, हालांकि बंगाल के लिए मेरा आकलन किशोर की भविष्यवाणी से काफी अलग था। अगर मैं तब बोलता, तो मुझे सीधे मेरे पूर्व बॉस के खिलाफ खड़ा कर दिया जाता।’’ किशोर ने कहा था कि भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी पिछली 18 सीट की संख्या में सुधार करेगी और संभव है कि वह 30 की संख्या तक भी जा सकती है। जैन ने कहा कि ममता बनर्जी की महिला-केंद्रित लाभार्थी योजनाएं जैसे ‘लक्ष्मी भंडार’, ‘कन्याश्री’ और ‘सबुज साथी’ ने तृणमूल के पक्ष में हवा का रुख बदल दिया, खासकर बंगाल के ग्रामीण इलाकों में।

बंगाल में महिला मतदाताओं का दबदबा

राज्य में लगभग 50 प्रतिशत मतदाता महिलाएं हैं और इनमें से करीब 2.3 करोड़ आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को वर्तमान में अकेले ‘लक्ष्मी भंडार’ से 1000 रुपये की मासिक सहायता मिलती है। जैन ने कहा, ‘‘इस धनराशि से न केवल उनकी वित्तीय समस्याएं दूर हुईं, बल्कि इससे राज्य की ग्रामीण महिलाओं का आवश्यक सशक्तीकरण भी हुआ।’’ भाजपा का प्रचार महिला केंद्रित होने के बावजूद क्यों मतदाताओं को आकर्षित नहीं कर पाया? यह पूछने पर जैन ने कहा, ‘‘उनका प्रचार अभियान मोटे तौर पर नकारात्मक था और संदेशखाली के ईर्द-गिर्द सिमटा था। कुछ लोग ही उसपर विश्वास करते थे और जब स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो आया तो भाजपा के दावे की पोल खुल गई और यह उनके ताबूत में आखिरी कील साबित हुई।

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