Odisha news : नई फसलों की कटाई का प्रतीकबपश्चिम ओडिशा का लोकपर्व नुआखाई की रात यानी की रविवार की रात बऊद जिला में सर्पदंश से एक ही परिवार की तीन सगी बहनों की मौत हो गई, जबकि उनका पिता बुर्ला अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है और बच्चियों की मां रह-रहकर चीत्कार कर रही है। यह हृदयविदारक घटना बऊद जिला के टिकरापाड़ा पंचायत अंतर्गत चरियापाली गांव में घटी।
दिन में नुआखाई का उत्साह और रात में कोहराम
घटना कुछ इस तरह है। गांव में रहने वाले सालेंद्र मल्लिक का परिवार रविवार के दिन उत्साह के साथ नुआखाई पर्व मनाया। सालेंद्र की दो बेटी 13 वर्षीय स्मृतिरेखा मल्लिक और 11 वर्षीय बेटी शुभरेखा मल्लिक भी पर्व मनाने छात्रावास से घर आईं थीं, जबकि तीसरी घर पर ही थी। नुआखाई मनाने के बाद माता-पिता जे साथ-साथ तीनों बच्चियां सोने चली गईं कि किसी विषधर सांप ने तीनों बेटियों और पिता को डस लिया।
पहले झाड़फूंक कराया, फिर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन…
सर्पदंश की जानकारी मिलने के बाद पहले सभी को तांत्रिक के पास ले जाया गया, परंतु जब कोई लाभ नहीं हुआ तो उन्हें बऊद जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने दो बहनों को मृत घोषित कर दिया और तीसरी बहन और पिता को इलाज के लिए भर्ती कर लिया, लेकिन इलाज के दौरान तीसरी बहन की भी मौत हो गई। पिता सालेंद्र की हालत भी गंभीर बनी हुई थी।