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पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, आरोपियों ने मजदूर बनकर चोरी किए थे प्रश्न पत्र, गिरिडीह था केंद्र

पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, आरोपियों ने मजदूर बनकर चोरी किए थे प्रश्न पत्र, गिरिडीह था केंद्र

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Ranchi news : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की 10वीं परीक्षा के दो प्रश्न पत्र लिक मामले में कोडरमा पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। इस मामले में कोडरमा पुलिस ने गिरिडीह से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड भी है। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नगर थाना क्षेत्र के बरगंडा से की गई है। पेपर लीक कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कोडरमा पुलिस गिरिडीह के आजीविका केंद्र नगर निगम पहुंची। पुलिस यहां गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को लेकर पहुंची थी। इस दौरान गिरिडीह के सदर एसडीपीओ जीतवाहन उरांव और नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद भी मौजूद थे।


ट्रक से उतारने और रखने के दौरान चोरी हुए थे प्रश्नपत्र


सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जब ट्रक से प्रश्न पत्र उतारकर भवन में रखा जा रहा था। इस समय प्रश्न पत्र की चोरी कर ली गई थी। इसके बाद परीक्षा के कुछ दिन पूर्व इसे वायरल कर दिया गया। आरोपियों ने मजदूर बनकर ट्रक से प्रश्न पत्र उड़ा लिए थे। हालांकि इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सीडीपीओ कोडरमा का के अनुसार इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी की गई है। प्रश्न पत्र लीक कांड का खुलासा होते ही जिले के अधिकारियों के कान खड़े हो गए। आनन-फानन में जिला शिक्षा पदाधिकारी वसीम अहमद और डीएसपी नीरज कुमार सिंह, डीएसपी कौशर अली, डीएसपी आबिद खान, एसडीपीओ जीतवाहन उरांव, नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद भी गिरिडीह नगर निगम भवन पहुंचे और अपने स्तर से जांच पड़ताल प्रारंभ की।


प्रश्न पत्रों की सुरक्षा सवालों के घेरे में


मिली जानकारी के अनुसार JAC की मैट्रिक परीक्षा का पेपर जिस भवन (strong room) में रखा गया था, उसका कैंपस संकरा था। उस कैंपस में ट्रक दाखिल नहीं हो पा रहा था। इसलिए कैंपस के बाहर ट्रक खड़ा करके प्रश्न पत्र उतारे गए और उसे स्ट्रांग रूम में रखा गया। जिस भवन में प्रश्न पत्र रखे गए थे, उसमें सीसीटीवी कैमरा भी मौजूद नहीं था। इस कारण आरोपियों को प्रश्न पत्र उड़ाने में सहूलियत हुई। वैसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस के अधिकारी और जवानों की तैनाती स्ट्रांग रूम के बाहर की गई थी। अब जिला प्रशासन से चूक कैसे हुई, पुलिस इसकी जांच कर रही है। स्ट्रांग रूम में तैनात जवान के अनुसार इस भवन के नीचे हिस्से में नगर निगम के लोगों का हर दिन आना-जाना होता था। नगर निगम के कर्मचारी यहां से प्रत्येक दिन ब्लीचिंग पाउडर लेकर जाते थे।

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