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बिहार विधानसभा चुनाव : राजग में सीट बंटवारे पर बनी सहमति

बिहार विधानसभा चुनाव : राजग में सीट बंटवारे पर बनी सहमति

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भाजपा व जदयू 101-101, चिराग 29 और मांझी- कुशवाहा की पार्टी 06-06 सीटों पर लड़ेंगी चुनाव

Patna news: बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट बंटवारे पर सहमति बन गयी है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रभारी और केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रविवार को दी।
धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ” हम एनडीए के साथियों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में सीटों का वितरण पूर्ण किया। भाजपा-101, जदयू 101, लोजपा (आर) -29, आरएलएम-06 और हम -06 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।” उन्होंने आगे लिखा,” एनडीए के सभी दलों के कार्यकर्ता और नेता इसका हर्षपूर्वक स्वागत करते हैं। बिहार है तैयार, फिर से एनडीए सरकार।”
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार झा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा, “भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हम एनडीए के साथियों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में सीटों का वितरण पूर्ण किया है। एनडीए के सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता साथी इसका हर्ष के साथ स्वागत करते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रचंड बहुमत के साथ फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए संकल्पित एवं एकजुट हैं।” उन्होंने लिखा, ‘बिहार है तैयार, फिर से एनडीए सरकार।”
बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि संगठित व समर्पित राजग ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में आपसी सहमति से सीटों का वितरण पूर्ण किया। राजग के सभी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय का हर्षपूर्वक स्वागत किया है। सभी साथी कमर कस चुके हैं और बिहार में फिर से राजग की सरकार बनाने के लिए संकल्पित हैं।
दरअसल, सीट बंटवारे से ये साफ हो गया कि अब बिहार राजग में कोई बड़ा भाई नहीं है। भाजपा और जदयू इस बार बराबर-बराबर यानी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि इसके पहले के सभी विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी को भाजपा से अधिक सीटें मिलती थी।
केन्द्रीय मंत्री जीतनराम मांझी को मनमुताबिक सीटें नहीं मिली हैं। वह 15-20 सीट चाहते थे, लेकिन मात्र 06 सीटें मिलीं। 2020 की तुलना में उनको एक सीट का घाटा हुआ है। पिछली बार उन्होंने 07 सीटों पर चुनाव लड़ कर 04 पर जीत हासिल की थी। लेकिन, इस बार 15 की मांग के बावजूद सीट बढ़ाने के बजाय कम कर दी गयी।

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