New Delhi News: कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी लगातार हमलावर है। भाजपा ने इस आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे संसद में उठाने की बात कही है।
बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सासंद तेजस्वी सूर्या ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पिछले सप्ताह बजट में केटीपीपी अधिनियम में संशोधन करके सरकारी निविदाओं में 04 प्रतिशत आरक्षण शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम न केवल स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है, बल्कि ऐसे प्रावधान को संविधान निमार्ताओं ने संविधान के निर्माण के समय ही सिरे से खारिज कर दिया था। यह भी एक ऐसा विचार है, जिससे बाबा साहेब आम्बेडकर के शब्दों में बताया जाये, तो यह भारत को टुकड़े-टुकड़े करने की सम्भावना है। भाजपा इस प्रस्तावित असंवैधानिक कदम का दृढ़ता से विरोध करती है और सिद्धारमैया सरकार से इस प्रस्तावित असंवैधानिक फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग करती है।
सांसद सूर्या का आरोप एससी-एसटी से आरक्षण का लाभ छीन कर अल्पसंख्यकों को दिया गया
सांसद सूर्या ने कहा कि यह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से राहुल गांधी के इशारे और संरक्षण में किया जा रहा है। भाजपा सिद्धारमैया से जो सवाल पूछना चाहती है, वह यह है- क्या यह धर्मनिरपेक्षता का वह ब्रांड है जिसकी भारत के संविधान और बाबा साहेब ने देश के लिए कल्पना की थी, जहां एससी-एसटी से आरक्षण का लाभ छीन कर अल्पसंख्यकों को दिया गया? भाजपा सदन के अंदर और बाहर इस कदम के खिलाफ लड़ेगी। हम इस मुद्दे को संसद में उठायेंगे और अदालतों में भी इसके खिलाफ लड़ेंगे ।