स्वास्थ्य सेवा चरमराई, कोलकाता की घटना का कर रहे हैं विरोध
Lucknow news : कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-हत्या मामले को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर फिर हड़ताल पर चले गए हैं। मंगलवार को लखनऊ के एसजीपीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद कर धरना प्रदर्शन किया। इससे ओपीडी सुविधाएं पूरी तरह से ठप हो गईं। नए पर्चे तक नहीं बने। इलाज के लिए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इसके अलावा कई और अस्पतालों में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। एसजीपीजीआई के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रभारी डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि मंगलवार से सभी रेजिडेंट डॉक्टर इलेक्टिव सर्विस का बायकॉट कर रहे हैं। जो भी इमरजेंसी या एसेंशियल सर्विस होंगी, उनका काम जारी रहेगा। ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर मरीज को नहीं देखेंगे।
भूख हड़ताल पर रहेंगे रेजिडेंट
फेडरेशन ऑफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव और केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांश सिंह ने कहा कि कोलकाता की घटना के बाद से 2 महीने से देशभर के डॉक्टर सहित हम लोग भी प्रोटेस्ट कर रहे थे।
इस बीच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने जब काम पर लौटने को कहा, तो हम सभी ने हड़ताल खत्म कर दिया। पर हालात अब भी बदले नहीं हैं। यही कारण है कि हम भूख हड़ताल पर जा रहे हैं और ये तब तक जारी रहेगा जब तक हमें न्याय नहीं मिलता।
रेजिडेंट डॉक्टर के विरोध प्रदर्शन के बीच एसजीपीजीआई में दिखाने आए मरीजों के नए पर्चे नहीं बने। इससे मरीज व तीमारदारों को परेशानी उठानी पड़ी। लोग यहां से वहां भटकते नजर आए। अमूमन यही हाल शहर के दूसरे प्रमुख सरकारी अस्पतालों का भी रहा। करीब 2 हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं।