• ग्रामीण रोजगार में गिरावट की ख़बरों को संज्ञान में लेकर सरकार ने जारी किए ये आंकड़े
New Delhi News: केन्द्र सरकार ने कहा है कि पिछले 10 सालों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 2923 करोड़ कार्य दिवस रोजगार सृजित किया गया है। जबकि वित्त वर्ष 2006-07 से वित्त वर्ष 2013-14 के बीच सृजित कुल व्यक्ति दिवस 1660 करोड़ थे।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मीडिया में आ रही उन खबरों का संज्ञान लेते हुए ये आंकड़े जारी किये हैं, जिनमें में दावा किया गया था कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मनरेगा के तहत ग्रामीण रोजगार में 16 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (महात्मा गांधी नरेगा) का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को एक वित्त वर्ष में कम से कम सौ दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए स्वेच्छा से तैयार होते हैं।
सरकार ने वर्ष 2006 से 2014 और 2014 से 2024 तक के तुलनात्मक आंकड़े जारी किए
मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2006-07 से 2013-14 के बीच कुल 1660 करोड़ व्यक्ति दिवस सृजित किये गये, जबकि वित्त वर्ष 2014-15 से 2024-25 के बीच कुल 2923 करोड़ व्यक्ति दिवस सृजित किये गये। पिछले 10 सालों में बजट आवंटन में भी काफी बढ़ोतरी की गयी है। वर्तमान सरकार से पूर्व यानी वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान बजट आवंटन केवल बजट अनुमान चरण में 33 हजार करोड़ रुपये था। वहीं अब चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 86 हजार करोड़ रुपये है। यह योजना की शुरुआत से अब तक का सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में न्यूनतम औसत अधिसूचित मजदूरी दर में 07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। योजना के तहत 13.10 करोड़ सक्रिय श्रमिकों के लिए आधार सीडिंग की गयी है, जो कुल सक्रिय श्रमिकों (13.18 करोड़) का 99.3 प्रतिशत है।