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दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे हैं झारखंड के 47 प्रवासी मजदूर, खाने को राशन तक नहीं मिल रहा

दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे हैं झारखंड के 47 प्रवासी मजदूर, खाने को राशन तक नहीं मिल रहा

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वीडियो क्लिप जारी कर सरकार से वतन वापसी की गुहार,  झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति केन्द्रीय संगठन मंत्री माही पटेल ने पत्राचार कर वतन वापसी की अपील की

Ranchi news : झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो जिले के प्रवासी मजदूरों के विदेश में फंसे होने का मामला एक बार फिर कैमरून से सामने आया है। इस बार झारखंड के 47 प्रवासी मजदूर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे हुए हैं। ये सभी ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कम्पनी में काम करने गये थे।

बताया जा रहा है कि पिछले चार माह से मजदूरों को कम्पनी द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी दुर्दशा माही पटेल को बताते हुए वतन वापसी के साथ बकाया वेतन दिलाने की केन्द्र और राज्य सरकार से अपील की है। प्रवासी मजदूरों के हित में काम करनेवाले झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति केन्द्रीय संगठन मंत्री माही पटेल उर्फ महेन्द्र प्रसाद महतो राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष, श्रम विभाग रांची झारखंड सरकार और विदेश मंत्रालय भारत सरकार से कैमरून में कार्यरत प्रवासी मजदूरों की वतन वापसी करा कर उनकी मदद की अपील की है। माही पटेल ने बताया कि हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ से रेवतलाल महतो, कमलदेव कुमार महतो, चिंतामन महतो, सुरेश कुमार, विजय कुमार महतो, उमेश महतो, जयनारायण कुमार महतो, भागीरथ महतो, अशोक महतो, भुनेश्वर महतो, दशरथ महतो, योगेन्द्र महतो, दिनेश टुडू, हीरालाल मांझी, मनोज कुमार महतो, किशोर कुमार, भूखलाल महतो, छोटी यादव, राजेन्द्र कुमार महतो, निर्मल महतो, टेकलाल महतो, धानेश्वर किस्कू, प्रेमचन्द महतो, पिंटू कुमार महतो, मनोज मरांडी, रोहित महतो, लोकनाथ यादव, निर्मल कुमार यादव, रामचन्द्र महतो, भरत महतो, बालदेव महतो आदि फंसे हुए हैं।

गिरिडीह जिले के बगोदर से रूपलाल महतो, मुकेश महतो बोकारो जिले के पेंक से खिरोधर महतो, नारायण महतो, संतोष मुर्मू एवं चतरोचट्टी थाना क्षेत्र से नीलकंठ महतो, सत्येंद्र कुमार महतो, द्वारिका महतो, रोहित महतो, गणेश महतो, नेतलाल महतो, चंद्रदेव महतो, छोटन टुडू, छोटन कुमार किस्कू, महेश महतो, राजेश कुमार महतो समेत 47 प्रवासी मजदूर है। इन मजदूरों को जल्द से जल्द समुचित बकाया वेतन के साथ वतन वापसी की मांग की गयी है। माही पटेल ने कहा कि रोजगार की कमी के कारण झारखंड में हर दिन कहीं न कहीं से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। लोग रोजी-रोटी की तलाश में विदेश जाते हैं। वहां उन्हें अनेक प्रकार की प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है, ऐसे में बड़ी मुश्किल से मजदूर अपने वतन लौट पा रहे हैं। सरकार को मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है।

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