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रांची में अभाविप का छात्र गर्जना कार्यक्रम का हुआ आयोजित

रांची में अभाविप का  छात्र गर्जना कार्यक्रम का हुआ आयोजित

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Ranchi  News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची जिले के द्वारा स्थानीय समाहरणालय के समक्ष छात्र गर्जना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में प्रदेश सह मंत्री दिशा दित्या उपस्थित रही l इसमें काफी संख्या में परिषद के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।  

   अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद झारखंड द्वारा वर्तमान झारखंड सरकार के विफलता को लेकर बीते पंद्रह सितंबर को प्रांत स्तरीय छात्र गर्जना का आयोजन रांची में किया था ।  साथ ही राज्य के सभी जिलों में छात्र गर्जना के साथ बदहाल झारखंड का काला दस्तावेज समाज के समक्ष रखने के कार्यक्रम का आह्वान किया गया था। इसी के तहत जिला समाहरणालय के समक्ष कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्मांतरण अपने चरम पर है

सह मंत्री ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में किए वादों को पूरा करने में सरकार विफल रही है। मुख्यमंत्री,मंत्रियों एवं सत्ताधारी दलों के नेताओं ने भी राज्य को लूटने में कोई अवसर नहीं छोड़ा। फूलो-झानो के रक्त से सिंचित संथाल की महिलाएं आज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं? राज्य में लव जिहाद और लैंड जिहाद की वजह से आदिवासी समाज और उनकी बेटियों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार आदिवासी समाज की जनसंख्या में 10 प्रतिशत की गिरावट हुई, जो इस बात का साक्ष्य है कि संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्मांतरण अपने चरम पर है।

5 वर्षों में शिक्षा वेंटिलेटर पर आ चुकी है

उन्होंने कहा कि  5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा हो अथवा झारखंड की बेटियों को प्राथमिक विद्यालय से पीएचडी तक की मुफ्त शिक्षा का वादा, राज्य की महिलाओं को चूल्हा भत्ता देने का वादा हो उसे पूरा करने में सरकार नाकाम रही है। झारखंड सरकार एक बार पुनः मुफ्त की योजनाएं लाकर राज्य की जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। यहां विगत 5 वर्षों में शिक्षा वेंटिलेटर पर आ चुकी है। राज्य की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति अत्यंत ही चिंताजनक है, बांग्लादेशी घुसपैठ जटिल रूप ले चुकी है।  अतः राज्य में व्याप्त अराजकता एवं विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक, रोजगार, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा के विषय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा जारी “दस्तावेज” झारखंड सरकार के निरंकुशता का परिणाम है।

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