New Delhi news : दुनिया के दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क अब अर्थ प्लेनेट यानी पृथ्वी ग्रह पर इंटरनेट के विकास के बाद मार्स प्लेनेट यानी मंगल ग्रह की ओर भी रुक कर रहे हैं। वैज्ञानिक रूप से यह तथ्य सामने है कि मंगल ग्रह पर फिलहाल जीवन का कोई संकेत नहीं है, फिर भी आखिर मास्क वहां तक इंटरनेट पहुंचाने की अपनी योजना का उद्देश्य क्या रखते हैं, यह सब को मालूम नहीं है। मस्क के नेतृत्व वाली कंपनी स्पेसएक्स ने मंगल ग्रह तक सैटेलाइट इंटरनेट तकनीक का विस्तार करने की एक महत्वाकांक्षी योजना का खुलासा किया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA द्वारा आयोजित मंगल अन्वेषण कार्यक्रम विश्लेषण समूह की बैठक के दौरान स्पेसएक्स ने अपनी ‘मार्सलिंक’ नामक नई पहल का विवरण पेश किया है।
भविष्य में बस सकती है मानव बस्ती
बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य मंगल की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों का एक मजबूत नेटवर्क बनाना है, जो एक संचार रिले प्रणाली के रूप में कार्य करेगा और भविष्य के मिशनों का समर्थन करेगा। इससे लाल ग्रह कहे जाने वाले मंगल पर अंततः मानव बस्ती की राह आसान हो सकेगा। एलन सम्क की कंपनी द्वारा पेश योजना अंतरग्रहीय जीवन (Interplanetary Life) को सुविधाजनक बनाने और मंगल को उसके लिए अधिक सुलभ और उपयोगी बनाने की व्यापक दृष्टि का एक इंपॉर्टेंट हिस्सा है।
102 से अधिक देशों में प्रदान की जा रही इंटरनेट सेवा
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हजारों उपग्रहों से बना स्टारलिंक नेटवर्क वर्तमान में अमेरिका समेत दुनिया के 102 से ज़्यादा देशों को इंटरनेट सेवा उपलब्ध करा रहा है। मस्क मंगल ग्रह पर भी ऐसा ही इंटरनेट नेटवर्क स्थापित करना चाहते हैं। मार्सलिंक बनने से न केवल मंगल की सतह पर संचार सुविधाएं तेज होंगी, बल्कि मंगल और पृथ्वी के बीच संचार भी बेहतर होगा।