New Delhi news : अब कीचड़ होली का जमाना लगभग नहीं है। कभी कभार लोग बिना पानी के भी सूखी होली खेल लेते हैं। रंग अबीर की होली। लेकिन, वास्तव में बिना पानी के होली का मजा अधूरा रहता है। रंगों में सराबोर होना ही होली की मस्ती है। लेकिन, क्या आपने यह ध्यान दिया है कि रंगों में सराबोर होने के बाद नहाने के पहले हमें क्या करना चाहिए। भले इसे टोटका कहा जाता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसके महत्व को समझाया गया है।
ग्रहों के शुभ-अशुभ का महत्व
यह तो लगभग सभी मानते हैं कि जब व्यक्ति के जीवन पर ग्रहों की स्थिति शुभ होती है तो वह धन-धान्य से परिपूर्ण होता है। उसे तरक्की मिलती है और हर तरफ उसके लिए खुशी का माहौल होता है। जब ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल होती है तो इसका खराब असर पड़ता है और तमाम खराब परिणाम को भुगतना पड़ता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र की बातों को मान कर लोग समस्या का हाल ढूंढते हैं। ऐसे में अगर यह बताया जाता है की होली खेलने के बाद नहाने के पहले पानी में कुछ मिला लें तो होली खुशगवार होगी, तो ऐसा करने में कोई हर्ज नहीं है।
जैसी ग्रह की स्थिति, वैसी स्नान की विधि
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब चल रही है तो केसर, इलायची, चावल, मुलेठी, कुमकुम, शहद और लाल रंग के कोई भी फूल को पानी में डालकर स्नान करें। अगर किसी की कुंडली में चंद्र की स्थिति खराब चल रही है तो चांदी बुरादा, मोती डालकर स्नान करें। किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल की स्थिति खराब चल रही है तो लाल चंदन, लाल फूल, बेलपत्र, सौंफ आदि डालकर स्नान करना चाहिए। किसी की कुंडली में बुध की स्थिति खराब है तो पान, आंवला, अमरूद, चावल को डालकर स्नान करना चाहिए।