बगैर हेल्मेट कार्यालय, बैंक, स्कूल-कालेज में प्रवेश होगा वर्जित, गैर हाजिर भी किया जाएगा
Lakhnaw News: प्रदेश के सभी शासकीय विभागों, अर्द्धशासकीय संस्थाओं, बैंक, स्कूल कॉलेज और निजी क्षेत्र के कार्यालयों, संस्थाओं में कार्यरत दो पहिया वाहन का प्रयोग करने वाले समस्त कार्मिकों को बिना हेल्मेट कार्यालय, बैंक, संस्थाओं, स्कूलों और कालेजों में प्रवेश वर्जित करते हुए उन्हें अनुपस्थित किया जाएगा। इसके लिए “नो हेल्मेट-नो एंट्री-नो अटेंडेंस” का अभियान चलाकर नियमित रूप से अनुपालन कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
यह निर्देश उ.प्र. में सड़क सुरक्षा से संबधित कामकाज की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में बुधवार को यहां योजना भवन में बैठक में अध्यक्ष की ओर से दिये गये। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव (परिवहन)- वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव (चिकित्सा)- पार्थ सारथी सेन शर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक- के. सत्यनारायण, परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश- ब्रजेश नारायण सिंह, विशेष सचिव(परिवहन)- केपी सिंह, एवं अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा ), पी0एस0सत्यार्थी के अतिरिक्त अन्य स्टेकहोल्डर विभागों के विभागाध्यक्ष तथा विशेष सचिव व अन्य अधिकारी शामिल हुए।
दो पहिया वाहन चालकों पर सख्ती के निर्देश
बैठक में अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार के सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गए कि सड़क दुर्घटना में 31 प्रतिशत मृत्यु दो पहिया वाहन चालकों की घटित हुई है, जिसके दृष्टिगत दो पहिया वाहन चालकों तथा पीछे बैठे चार वर्ष से अधिक आयु के सवारी को भी आईएसआई मानक वाले हेल्मेट न लगाये जाने पर एवं ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन, ईयरफोन का प्रयोग, रांग साइड ड्राइविंग एवं ड्रंकन ड्राइविंग के विरूद्ध सघन अभियान चलाकर प्रवर्तन कार्यवाही की जाए।
आईटीएमएस द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन डिवाइसेस के माध्यम से किये जा रहे उल्लंघन/चालान की सूचना परिवहन विभाग से भी साझा किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में निर्देश दिये गये कि एनएचएआई के अधीन मार्गों पर स्थापित वे-इन-मोशन को ई-चालान पोर्टल से एकीकृत कराने संबंधी कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करायी जाए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइसेस की स्थापना न होने पर रोष व्यक्त किया गया तथा एनएचएआई, मोर्थ पीआईयू एवं लोनिवि (एनएच) को अपने अधीन समस्त राष्ट्रीय राज्य मार्गों पर स्पीड कैमरा, एएनपीआर कैमरा, सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने की कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूर्ण की जाए।
समस्त सड़क स्वामित्व वाले विभागों को अपने अधीन चिन्हित किये गये समस्त ब्लैक स्पॉट्स पर समयबद्ध रूप से सुधारीकरण की कार्यवाही पूर्ण करायी जाए, जिससे चिन्हित किये गये ब्लैक स्पॉट्स पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना की पुनरावृत्ति होने की संभावना न हो। पुलिस विभाग के मुख्यालय व जनपद स्तरीय अधिकारियों को विश्वकर्मा एप्प से जोड़ने की कार्यवाही की जाए, जिससे ब्लैक स्पॉट्स के चिन्हीकरण में लगने वाले समय को कम किया जा सके तथा चिन्हीकरण के उपरान्त ब्लैक स्पॉट के स्वामित्व को निर्धारित कर संबंधित विभाग द्वारा अल्प-कालिक सुधारीकरण को तत्काल पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये।
यमुना एक्सप्रेस-वे से संबंधित अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि सड़क सुरक्षा के लिए किये गये प्रयासों से दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 40 प्रतिशत की कमी रिकार्ड की गयी है, जिसके क्रम में अध्यक्ष द्वारा यीडा द्वारा अपनायी गयी बेस्ट प्रैक्टिसेस को अन्य समस्त सड़क निर्माण विभाग से साझा करते हुए उन्हें अपने विभागों में अपनाये जाएं।
समस्त सड़क स्वामित्व वाले विभाग, प्राधिकरण अपने अधीन मार्गों का नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट कराना सुनिश्चित करें तद्नुसार ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार सुधारात्मक कार्यवाही की जाए। सड़क सुरक्षा के प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही के लिए आवश्यक उपकरणों यथा-इण्टरसेप्टर, ब्रेथ एनालाइजर इत्यादि के क्रय संबंधी कार्यवाही को शासन स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा द्वारा वाहन विनिर्माताओं के स्तर पर निर्मित किये जा रहे वाहनों में मार्ग हेतु निर्धारित गति सीमा से अधिक स्पीड की रोक-थाम हेतु स्पीड लिमिट डिवाइस, सॉफ्टवेयर को अनिवार्य किये जाने के सुझाव के संबंध में अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही मोर्थ द्वारा कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा अन्य राज्यों की भांति प्रत्येक जिले में यातायात तथा सड़क दुर्घटना से संबंधित विशिष्ट कार्यों हेतु यातायात थाना बनाये जाने के सुझाव पर अध्यक्ष द्वारा आवश्यक कार्यवाही सम्पादित किये जाने के निर्देश दिये गये।
माध्यमिक विद्यालयों एवं उच्च शिक्षा के महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के मध्य नियमित अंतराल पर वाद-विवाद व चर्चा-परिचर्चा किये जाने के निर्देश दिये गये। शिक्षा विभाग के माध्यमिक विद्यालयों एवं उच्च महाविद्यालयों में गठित रोड सेफ्टी क्लबों को अधिक सक्रिय कर अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं आम-जनमानस को सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के प्रति संवेदीकृत किया जाए तथा प्रत्येक जनपद में बेस्ट रोड सेफ्टी क्लब के चयन हेतु पैरामीटर बनाकर कार्यवाही की जाए।
अध्यक्ष की ओर से प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ के लिए सड़क दुर्घटना को रोकने हेतु परिवहन विभाग द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की गयी। प्रदेश में बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त की गयी तथा पहली जनवरी को आयोजित राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाये जाने के लिए प्रदान किये गये निर्देशों के अनुपालनार्थ सभी स्टेक होल्डर विभागों को पारस्परिक सामंजस्य स्थापित करते एक भी व्यक्ति की मृत्यु न होने पाये, के संबंध में समेकित प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये।
सम्पूर्ण प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा जिलाधिकारियों के माध्यम से “नो हेल्मेट-नो फ्यूल” अभियान चलाकर दो पहिया चालकों की सुरक्षा की दिशा में किये जा रहे व्यापक प्रयासों की सराहना की गयी।
अपर मुख्य सचिव, परिवहन वेंकेटेश्वर लू द्वारा सुझाव दिया गया कि परिवहन विभाग की ऑनलाइन योजनाओं के पोर्टल के उपयोग के लिए जन-सुविधा केन्द्रों का सहयोग लिया जाए। इसके अतिरिक्त बैठक में परिवहन आयुक्त, उप्र बीएन सिंह द्वारा परिवहन तथा अन्य समस्त स्टेकहोल्डर विभागों में प्रयुक्त होने वाले सभी प्रकार के पोर्टल को एक प्लेटफार्म पर एकीकृत करने की कार्यवाही किये जाने का सुझाव दिया गया, जिससे विश्लेषण के लिए डाटा की उपलब्धता में सुगमता हो तथा विश्लेषणोपरान्त प्राप्त सुझावों को समस्त स्टेकहोल्डर विभागों को साझा कर सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में प्रभावी कार्यवाही की जा सके। वर्तमान में लाइसेंस आवेदन की प्रक्रिया में प्रयोग होने वाले समस्त प्रकार के आवेदन पत्रों को आम-जन की भाषा-हिन्दी में भी कराने का सुझाव दिया गया, जिससे लाइसेंस आवेदन के प्रक्रिया में आवेदक को बाहरी सहयोग की आवश्यकता न्यून हो सके। सड़क दुघर्टना में 18 से 25 वर्ष के युवाओं की मृत्युदर लगभग 25 प्रतिशत होने के कारण यह आवश्यक है कि यूपी बोर्ड की भांति ही सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड के कक्षा 06 से 12 के पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों से संबंधित अध्याय को सम्मिलित किया जाए तथा परीक्षा के प्रश्नपत्र में सड़क सुरक्षा के पाठ्यक्रम से प्रश्न अनिवार्य रूप से रखें जाए।