National news, international news, business news, businessman Shiv Nadar, HCL tech, Mukesh Ambani, Adani group, Reliance group : देश-दुनिया में दानवीरों की आज भी कमी नहीं है। कोई हजारों तो कोई लाखों और कोई करोड़ों रुपये दान कर फटेहाली में जी रहे लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने में जुटा है। आप सोच रहे होंगे हम अंबानी, अदाणी ग्रुप की बात कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आपको बता दें इन ग्रुप से आगे बढ़कर भी एक शख्स है जो रोजाना लगभग 5.6 करोड़ रुपये यानी एक वर्ष में कुल 2043 करोड़ रुपदान देकर एडेलगिव हुरुन इंडिया परोपकार लिस्ट 2023 में निरंतर तीसरे वर्ष सबसे उदार भारतीय का अपना स्थान बरकरार रखा है। आखिर कौन है यह, आइये बताते हैं…
क्या आपने एचसीएल टेक के संस्थापक का नाम सुना है, क्या नहीं, हम बताते हैं…
आपको बता दें एचसीएल टेक के संस्थापक हैं शिव नदार। दिग्गज आईटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजी के फाउंडर शिव नदार फोर्ब्स एशिया द्वारा जारी की गई भारत के 100 सबसे रईस लोगों को लिस्ट में शिव नदार तीसरे पायदान पर हैं। नादर की कुल नेटवर्थ लगभग 29.3 अरब डॉलर आंकी गई है। वर्ष 1976 में उन्होंने एचसीएल ग्रुप की स्थापना की थी। यह देश की पहली ऐसी कंपनी है, जिसने सबसे पहले स्वदेशी कंप्यूटर का निर्माण किया था। उन्होंने चार दशक से अधिक वक्त तक एचसीएल का नेतृत्व किया। अब उनकी बेटी रोशनी नादार मल्होत्रा के हाथों में कंपनी की बागडोर है।
1976 में दो लाख रुपये लगा कर स्थापना की एचसीएल टेक्नोलॉजी की
एचसीएल से शिव नादर ने काफी पैसा कमाया है। शिव नादर के परिवार के पास एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उनकी कमाई का यही सबसे बड़ा स्रोत है। उन्होंने वर्ष 1967 में अपने करियर की शुरुआत वालचंद ग्रुप में नौकरी से की। उन्होंने इससे पहले माइक्रोकॉम्प नामक कंपनी बनाई जो कैलकुलेटर बनाती थी। साल 1976 में उन्होंने 2 लाख रुपये लगा कर एचसीएल टेक्नोलॉजी की स्थापना की। कंपनी ने वर्ष 1980 में अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में आईटी हार्डवेयर बेचना शुरू किया।
वर्ष 1994 में हुई शिव नादर फाउंडेशन की शुरुआत
वर्ष 1994 में शिव नादर ने शिव नादर फाउंडेशन की शुरुआत की। उन्होंने 1996 में चेन्नई में एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग नामक एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की। शिव नादर शिक्षा के उत्थान में अपने दान का सबसे ज्यादा हिस्सा लगाते हैं। शिव नादर हुरुन की 2022 सूची में भारत के सबसे परोपकारी व्यक्ति बनकर उभरे थे। उन्होंने फाइनेंशियल ईयर 2022 में 1 हजार 161 करोड़ रु का दान दिया। वहीं, वित्त वर्ष 2023 में शिव नादर ने 2 हजार 43 करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों में लगाए। विप्रो के अजीम प्रेमजी 1 हजार 774 करोड़ रु के सालाना दान के साथ दूसरे स्थान पर हैं। जबकि निखिल कामथ सूची में सबसे कम उम्र के परोपकारी बन गए, क्योंकि उन्होंने फाइनेंशियल ईयर 2022 – 2023 के दौरान 110 करोड़ रुपए का दान दिया।