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अमित शाह आज 10 हजार से अधिक एम-पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे

अमित शाह आज 10 हजार से अधिक एम-पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे

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New Delhi news : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह बुधवार को आईसीएआर कन्वेंशन सेंटर, पूसा, नयी दिल्ली में सहकारिता के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान 10 हजार से अधिक नव स्थापित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (एम-पैक्स), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह नवगठित सहकारी समितियों को पंजीकरण प्रमाण पत्र, रुपे किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और माइक्रो एटीएम वितरित करेंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ये वित्तीय उपकरण पंचायतों में ऋण सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किये गये हैं, जिससे ग्रामीण आबादी विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो सकें और देश की आर्थिक प्रगति में भाग ले सकें। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गण्यमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
अमित शाह ने हाल ही में त्रिपुरा की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि पूर्वोत्तर सहित पूरे देश में सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने पर महत्त्वपूर्ण जोर दिया जा रहा है। शाह का मानना है कि सहकारिता क्षेत्र भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और वित्तीय समावेशन, ग्रामीण कृषि और कुटीर उद्योगों के विकास, रोजगार सृजन और महिलाओं तथा समाज के सशक्तीकरण के लिए एक प्रमुख चालक के रूप में कार्य करता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में जुलाई 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गयी। यह सहकारी क्षेत्र की आधारभूत संस्था, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से लगभग 1,200 प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें एम-पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें एम-पैक्स के 400 प्रतिनिधि शामिल होंगे।
यह सम्मेलन नवगठित सहकारी समितियों की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। इसके अतिरिक्त, यह किसानों और ग्रामीण समुदायों की आजीविका को स्थिर करने, उन्हें आय के अतिरिक्त स्रोत प्रदान करने और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के अवसर पर भी विचार-विमर्श करेगा।

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