New Delhi news : सामान्य रूप से यह देखा जाता है कि मंदिर लोगों की भक्ति भावना और आस्था का प्रतीक होता है। लोग यहां पहुंचकर शांति और सुकून महसूस करते हैं। आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण को संबल मिलता है। जापान के कामाकुरा शहर में स्थित यह मंदिर लगभग 700 साल पुराना है। यह तलाक मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इसे बौद्ध नन काकुसन ने अपने पति होजो टोकीमून के साथ मिलकर बनवाया था।
यह मंदिर तलाकशुदा महिलाओं के लिए एक विशेष स्थल था। यहां वे अपने पतियों से तलाक लेने के लिए तीन साल तक रह सकती थीं। बाद में इस अवधि को घटाकर दो साल कर दिया गया।
महिलाओं को मिलता है सामाजिक समर्थन
इस मंदिर की यह खासियत है कि जब सदियों पहले जापान में महिलाओं के अधिकार बहुत सीमित थे, तब इस मंदिर को बनाया गया था। यहां महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक होती हैं और उन्हें सामाजिक समर्थन भी मिलता है। यह मंदिर आज महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुका है। इतिहास गवाह है कि उसे समय जापान में पुरुष आसानी से तलाक दे सकते थे। इस मंदिर ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आश्रय दिया। मंदिर के दरवाजे उन महिलाओं के लिए हमेशा खुले थे, जो अपने पतियों की क्रूरता से बचने के लिए भाग रही थीं। आज भी यह मंदिर ऐसी महिलाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र है, जो अत्याचार का सामना कर रही हैं।
तब महिलाओं को नहीं था तलाक लेने का अधिकार
कहा जाता है कि तत्कालीन जापान में महिलाओं के पास तलाक लेने का अधिकार नहीं था। काकुसन नाम की महिला भी एक दुखद विवाह में फंसी हुई थीं। उनके अनुभवों से प्रेरित होकर उन्होंने एक ऐसा स्थान बनाने का निर्णय लिया, जहां महिलाएं अपने पतियों से अलग होकर शांति और स्वतंत्रता से रह सकें। यह मंदिर आज भी महिलाओं के लिए आश्रय और शांति का प्रतीक है।