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विकास कार्य में बाधा डाल कर समाज और सरकार के बीच में जहर घोलने की हो रही कोशिश  : अजय तिर्की

विकास कार्य में बाधा डाल कर समाज और सरकार के बीच में जहर घोलने की हो रही कोशिश  : अजय तिर्की

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▪︎ केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस कर किये कई खुलासे

▪︎ आदिवासी संगठनों ने सिरमटोली प्रकरण में प्रदर्शन से बनायी दूरी

Ranchi News : केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने आदिवासी समाज के लोगों और प्रदेश की जनता के समक्ष कई सनसनीखेज खुलासे किये हैं। प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से उन्होंने बहुत दिनों से रांची में सरना स्थल सिरम टोली के सामने बन रहे रैंप के विरोध में हो रहे प्रदर्शन और राजनीति के पीछे का सच उजागर किया है।
अजय तिर्की और अन्य आदिवासी संगठन के लोगों ने यह बताया कि जो समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने ही भू-अर्जन विभाग में सरना स्थल की जमीन के लिए मुआवजा लेने के लिए आवेदन दिया था। उन्होंने बताया कि जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हीं में से मुख्य व्यक्ति अरविंद हंस ने भू-अर्जन विभाग द्वारा भेजी हुई नोटिस रिसीव की। नोटिस केन्द्रीय सरना समिति के नाम से थी, लेकिन उन्होंने नोटिस को दबा दिया और भू-अर्जन विभाग को आवेदन देकर स्वयं के लिए मुआवजा मांगा। लेकिन, जब यह खुलासा हुआ कि जो 10 फीट जमीन ली गयी थी, वह गैर मजरूआ आम भूमि है, इसके लिए कोई मुआवजा का प्रावधान नहीं है , तब सरकार पर पैसों के लिए दबाव बनाने के लिए इन्होंने रैंप का मुद्दा बना कर विरोध करने की रणनीति बनायी।

अरविंद हंस और उनके गुट के लोग कर रहे है आदिवासी समाज की आस्था और भावना का दुरुपयोग

अरविंद हंस और उनके गुट के लोग आदिवासी समाज की आस्था और भावना का दुरुपयोग कर रहे हैं। निजी स्वार्थ के लिए करके विपक्षी दलों के सहयोग से विकास कार्य में बाधा डाल ने का काम कर रहे हैं । ये लोग समाज और सरकार के बीच में जहर घोल कर सौदेबाजी का प्रयास करना चाहते हैं। ये लोग समाज और शहर में अशांति फैला कर अपना राजनीतिक चेहरा चमका कर पैसों की बंदरबांट करना चाहते हैं। ऐसे समाज विरोधी शक्तियों को हम जवाब देंगे। अजय तिर्की ने यह भी बताया कि पहले विरोध क्यों नहीं किया गया। यह फ्लाई ओवर तो 02 साल पूर्व से बन रहा है। जब तक अरविंद हंस और उनके साथियों को पैसे मिलने की उम्मीद थी, तब तक उन्होंने कोई विरोध नहीं किया। जब एलएनटी कम्पनी द्वारा और 10 फीट लेने की मांग हुई, तो अजय तिर्की ने समाज के लोगों की सीधे मुख्यमंत्री  से मुलाकात करा कर इसका निराकरण कराया और यह निर्णय लिया गया कि अब एक इंच जमीन भी सरना स्थल की नहीं ली जायेगी। अजय तिर्की ने यह भी कहा है कि ऐसे समाज विरोधी तत्त्वों को चिह्नित करके समाज से बहिष्कार करें, कल की बंदी का विरोध करें और आनेवाले सरहुल पर्व की तैयारी धूमधाम से करके समाज अपनी सकारात्मकता और विकासप्रियता का परिचय दें।

बैठक में मुख्य रूप से कई संगठन हुए शामिल

इस बैठक में मुख्य रूप से शिलाजीत तिर्की, अध्यक्ष केन्द्रीय सरना समिति, रूपचंद केवट, अजीत उरांव, अध्यक्ष झारखंड क्षेत्रीय पहाड़ा, राजीव पाड़ा सरना प्रार्थना सभा भारत, बड़ा घाघरा डोरंडा सरना समिति सचिन कच्छप  केन्द्रीय सरना समिति सदस्य, कैलाश तिर्की फ्रीडम फाइटर झारखंड सोशल वर्क मुन्ना आरंग की केन्द्रीय सरना समिति, कृष्ण मुंडा मोराबादी सेवा समिति टेट्रा टोली, दयाराम जी आदिवासी छात्र संगठन, रवि मुंडा जी तेतर टोली सरना समिति, सोनम लाकड़ा, दीपिका कश्यप, सुनील सोरेन, अमित मुंडा, अखिलेश पाहन, तुषार कश्यप, सुभाष मुंडा, अमित मुंडा, एवं अन्य आदिवासी छात्र संगठन एक्स के सदस्य मौजूद थे। 
जिन आदिवासी संगठन के लोगों ने कहा कि वह कल के रांची बंद का समर्थन नहीं करते हैं, उनमें बढ़िया तू सारणसमिति, हेसल सरना समिति, बड़ा घाघरा सरना समिति, मनी टोला सरना समिति, पोखर टोली सरना समिति, हरमू सरना समिति, पहाड़ी टोला सरना समिति, कडरू फूल टोली सरना समिति, नया टोली बरियातू सरना समिति, राजीव पड़ाहा सरना प्रार्थना सभा, भारत महिला प्रकोष्ठ, केन्द्रीय सरना समिति भारत, हरमू देला टोली सरना, समिति खोखमाटोली सारना समिति, बिरसा चौक सरना समिति, मोराबादी तेतर टोली सरना समिति, रांची महानगर सरना प्रार्थना सभा रांची, खजरी सरना समिति नामकुम, लोआडी सारना समिति, 22 पड़ाहा सरना समिति कोकर, बंद गाड़ी सरना समिति, न्यू गार्डन सरना समिति सिरम टोली रांची के नाम शामिल हैं।

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