इसरो-नासा के संयुक्त मिशन के लिए अगली ट्रेनिंग
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के अमेरिकी ऑर्बिटल सेगमेंट के बाकी मॉड्यूल पर
New Delhi news : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान मिशन को लेकर बड़ा अपडेट है। दोनों भारतीय अंतरिक्ष यात्री, कैप्टन शुभांशु शुक्ला और कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर ने अमेरिका में ‘एक्सिओम मिशन- 4’ के लिए शुरुआती प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए है। ये इसरो और नासा का संयुक्त प्रयास है। यह प्रशिक्षण अगस्त 2024 के पहले हफ्ते में शुरू हुआ था। इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
इसरो ने बताया कि दोनों गगनयात्री प्राइम ग्रुप के कैप्टन शुभांशु शुक्ला और बैकअप ग्रुप के कैप्टन प्रशांत नायर ‘एक्सिओम मिशन- 4’ के तहत आईएसएस जाएंगे। यह मिशन इसरो और नासा की साझेदारी का एक अहम हिस्सा है। दोनों गगनयात्री अगस्त 2024 के पहले हफ्ते से अमेरिका में ट्रेनिंग ले रहे हैं और उन्होंने शुरुआती फेज सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। प्रारंभिक प्रशिक्षण में गगनयात्रियों ने जमीनी सुविधा केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने मिशन के लांच फेज का प्रारंभिक अवलोकन भी किया।
स्पेसएक्स सूट की फिटिंग जांच और अंतरिक्ष में खाने के विकल्पों का चयन भी इस प्रशिक्षण का हिस्सा था। यह शुरुआती तैयारी का एक अहम चरण था। प्रशिक्षण के दौरान, गगनयात्रियों को ‘स्पेसएक्स ड्रैगन’ अंतरिक्ष यान और आईएसएस के विभिन्न सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें अंतरिक्ष से फोटोग्राफी, रोजमर्रा के कामकाज और संचार प्रोटोकॉल के बारे में भी बताया गया। यह सब अंतरिक्ष में जीवन और काम के लिए जरूरी है।
इसरो ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान अंतरिक्ष में होने वाली मेडिकल और अन्य इमरजेंसी से निपटने की ट्रेनिंग भी शामिल थी। यह अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण के इस चरण में गगनयात्रियों ने मिशन से संबंधित जमीन पर मौजूद सुविधा केंद्रों का भ्रमण, मिशन के लांच फेज का प्रारंभिक अवलोकन, स्पेसएक्स सूट की फिटिंग जांच और अंतरिक्ष भोजन विकल्पों का चयन करने समेत प्रारंभिक प्रशिक्षण से जुड़ी गतिविधियों को पूरा कर लिया है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि आगे का प्रशिक्षण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के अमेरिकी ऑर्बिटल सेगमेंट के बाकी मॉड्यूल पर केंद्रित होगा। इसके अलावा, ट्रेनिंग के दौरान अलग-अलग सेशन में गगनयात्रियों को ‘स्पेसएक्स ड्रैगन’ अंतरिक्ष यान और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के विभिन्न सिस्टम से अवगत कराया गया। उन्हें अंतरिक्ष से फोटोग्राफी, दैनिक परिचालन दिनचर्या और संचार प्रोटोकॉल के बारे में बताया गया।
इसके अलावा मिशन के दौरान सूक्ष्म गुरुत्व वातावरण में साइंटफिक जांच प्रयोगों के संचालन के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह अनुसंधान के लिए काफी अहम होगा। इस मिशन से भारत अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करेगा। यह भारतीय विज्ञान और तकनीक की प्रगति का प्रतीक होगा।