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बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 संसद से पारित, जानें क्या-क्या हुए बदलाव

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 संसद से पारित, जानें क्या-क्या हुए बदलाव

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New Delhi news : राज्यसभा ने बुधवार को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 को पारित कर दिया, जिससे बैंकिंग नियमों में महत्त्वपूर्ण बदलाव आयेंगे। लोकसभा ने इस विधयेक को 03 दिसम्बर, 2024 को पहले ही पारित कर दिया था। यह ग्राहकों के लिए बैंकिंग को और आसान बनायेगा। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राज्यसभा में पेश बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 पारित हो गया, जिससे बैंकिंग नियमों में महत्त्वपूर्ण बदलाव आयेंगे। इसको पिछले साल दिसम्बर में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा ने पारित कर दिया था। इस विधयेक का उद्देश्य शासन मानकों में सुधार करना और रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया (आरबीआई) को बैंकों की रिपोर्टिंग में निरन्तरता सुनिश्चित करना है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब आप अपने बैंक खाते या एफडी के लिए चार लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं।

वित्त मंत्री ने राज्यसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बैंकों में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में भारी कमी आयी है। उन्होंने कहा कि सरकार जान बूझ कर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त वसूली कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पांच अलग-अलग अधिनियमों को प्रभावित करेगा, जो इसे अद्वितीय बनाता है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह विधयेक इसलिए भी अद्वितीय है, क्योंकि आठ टीमों ने इसके संशोधनों पर काम किया है, जिससे बजट भाषण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक परिवर्तन सुनिश्चित हुए हैं।

राज्यसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस विधयेक में नकद और सावधि जमा के लिए एक साथ नामांकन की अनुमति है। हालांकि, लॉकर के मामले में केवल एक साथ नामांकन की अनुमति है। इसके अलावा बीमा पॉलिसियों और अन्य वित्तीय साधनों में इसका पहले से ही उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कहा कि अगर आप पिछले पांच सालों पर नजर डालें, तो पायेंगे कि प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े करीब 112 मामलों को अपने हाथ में लिया है, जिनमें जान-बूझ कर कर्ज न चुकानेवालों से जुड़े मामले भी शामिल हैं।

सीतारमण ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 55 करोड़ जन-धन खाते खोले गये हैं, जिनमें से 55 फीसदी महिलाओं के पास हैं। उन्होंने सदन को बताया कि 2023 वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक भागीदारी रिपोर्ट कहती है कि डीपीआई का लाभ उठाकर भारत ने 80 फीसदी से अधिक बैंक खाता खोलने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे पारम्परिक तरीकों से हासिल करने में 47 साल लग जाते।

हालांकि, चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चिन्ता जताते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून तेजी से विकसित हो रहे वित्तीय परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने में विफल है।

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक के प्रावधान क्या हैं?

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रमुख प्रावधानों में से विधेयक जमाकर्ताओं को अपने बैंक खातों या सावधि जमाओं के लिए अधिकतम चार व्यक्तियों को नामांकित करने की अनुमति देता है, जो वर्तमान एकल-नामित प्रणाली की जगह लेता है। इस कदम का उद्देश्य खाताधारक की मृत्यु के बाद निधि वितरण को सरल बनाना है, जो एक समस्या है, जो कोविड-19 यानी कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न हुई थी।

उल्लेखनीय है कि बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 अब संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है। इससे बैंकिंग नियमों में बड़े बदलाव होंगे, जो ग्राहकों के लिए बैंकिंग को और आसान बनायेगा। इसके कानून बनने के बाद सबसे बड़ा बदलाव है कि अब आप अपने बैंक खाते या एफडी के लिए चार लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं। इससे पहले ग्राहकों को सिर्फ एक ही नॉमिनी बनाने का प्रावधान था।

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