Global News, international news: इजरायल की हमास और हिजबुल्ला के साथ जारी जंग लगातार तीव्र हो रही है। यहां तक कि इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर भी बीते शनिवार को हमला करने की कोशिश हुई। हिजबुल्ला ने सीधे उनके घर पर ही ड्रोन अटैक किया था, हालांकि उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ। नेतन्याहू हमले के वक्त अपने आवास पर नहीं थे। इस बीच हमले की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिससे पता चलता है कि हिजबुल्ला का दुस्साहस किस कदर खतरनाक था। तस्वीर में दिखता है कि कैसे नेतन्याहू के बेडरूम पर ही अटैक हुआ और उसकी खिड़की को नुकसान पहुंचा है। साफ है कि हिजबुल्ला का निशाना सटीक था और उसका ड्रोन नेतन्याहू के बेडरूम तक जा पहुंचा। ड्रोन कैसे पीएम के आवास तक पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है।
हमले से इजरायली एजेंसियां चिंतित
इस हमले में भले ही बेंजामिन नेतन्याहू को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इजरायली एजेंसियां चिंतित हैं कि भविष्य में यदि कोई बड़ा हमला इतनी सटीकता के साथ किया गया, तो नुकसान अधिक हो सकता है। यह ड्रोन लेबनान से फायर किया गया था, जो सीधे बेंजामिन नेतन्याहू के आवास और खासतौर पर उनके बेडरूम की खिड़की पर आकर टकराया। एक तस्वीर में दिख रहा है कि कैसे ड्रोन हमले से घर की खिड़की को नुकसान पहुंचा है। इस ड्रोन से खिड़की शीशा टूट गया, लेकिन वह अंदर नहीं जा पाया। इसकी वजह यह थी कि वहां शीशा बेहद मजबूत लगा था और कुछ अन्य चीजें भी प्रोटेक्शन में लगी थीं।
हमले में नहीं हुआ था कोई जख्मी
इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि खिड़की के टूटे हुए शीशे फैमिली के पूल में बिखरे पड़े हैं। हमले में कोई जख्मी नहीं हुआ। उस दौरान बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी आवास पर नहीं थे। हिजबुल्ला ने इस हमले के बाद एक बयान जारी कर कहा कि हमारा ऑपरेशन सफल रहा और सीधा अटैक किया। इस मामले में ईरान ने अपनी दूरी बना ली है, लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री ने उस पर सीधा आरोप लगाया है। नेतन्याहू ने कहा कि यह काम ईरान के एजेंट्स ने ही किया है।
ईरानी कर्मचारियों का हाथ!
इजरायली एजेंसियों का कहना है कि लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित ईरानी दूतावास के कर्मचारियों का भी इसमें हाथ है। इजरायली सेना का कहना है कि कुल तीन ड्रोन लेबनान से दागे गए थे, जिनमें से दो को मार गिराया गया। यही नहीं यह एक ड्रोन कैसे पीएम के आवास तक पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है। यह घटना इजरायल के वॉर्निंग सिस्टम के असफल रहने का ताजा उदाहरण है। इससे पहले बीते साल 7 अक्टूबर को भी इजरायल का वॉर्निंग सिस्टम असफल रहा था और उसे लेकर सवाल खड़े हुए थे।