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लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक होगा भारत पर्व का आयोजन, राजस्थान की झांकी बनेगी आकर्षण का केन्द्र

लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक होगा भारत पर्व का आयोजन, राजस्थान की झांकी बनेगी आकर्षण का केन्द्र

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New Delhi news : राष्ट्रीय राजधानी में इस वर्ष लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होनेवाले भारत पर्व-2025 में मुख्य परेड में शामिल झांकियों सहित विभिन्न राज्यों की 43 झांकियां भाग लेंगी। हालांकि, इस बार राजस्थान की झांकी गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ से निकलने वाली चुनिंदा झांकियों में तो शामिल नहीं होगी। लेकिन, दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित होनेवाले भारत पर्व-2025 में राजस्थान की झांकी ‘सोणो राजस्थान’ भी मुख्य परेड में निकलनेवालीं झांकियों के साथ ही शामिल होगी और जन आकर्षण का केन्द्र बनेगी।

राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में इस वर्ष गणतंत दिवस की मुख्य परेड में कर्तव्य पथ से निकलनेवाली चुनिंदा झांकियों और दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होनेवाले भारत पर्व-2025 में भाग लेनेवालीं झांकियों की तैयारियों का बुधवार को परेड ग्राउंड दिल्ली कैंट स्थित गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में प्रेस प्रिव्यू हुआ।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों सहित केन्द्रीय मंत्रालयों की 31 झांकियां शामिल होंगी, जबकि लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में मुख्य परेड में शामिल झांकियों सहित विभिन्न राज्यों की 43 झांकियां भाग लेंगी। इस बार राजस्थान की झांकी में विरासत ओर विकास का सुन्दर मिश्रण किया गया है। यह झांकी विकसित भारत की संकल्पना लिए राजस्थान के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य परम्परा के साथ ही राज्य के नवीन निर्माण की एक सुन्दर झांकी है।

झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के डॉ. रजनीश हर्ष ने प्रेस प्रिव्यू में पत्रकारों को बताया कि यह सुन्दर झांकी राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति, स्थापत्य परम्परा और हस्तशिल्प का सुन्दर मिश्रण है। इस बार भी झांकी का डिजाइन सिद्धस्त कलाकार हरशिव शर्मा द्वारा सुंदर तरीके से किया गया है।

इस अद्भुत झांकी के अग्रभाग में राजस्थान के पारम्परिक पर्व तीज की सुप्रसिद्ध सवारी के मनोहारी दृश्य को शामिल किया गया है। जबकि, पिछले भाग में शेखावाटी की प्राचीन और दुर्लभ हवेलियों की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया है। झांकी के नीचे के पैनल में इन हवेलियों में बने हुए पुराने भित्ति चित्र ओर विभिन्न प्रकार के म्यूरल की डिजाइन का दिग्दर्शन किया गया है। साथ ही, झांकी में राजस्थान सरकार द्वारा जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किये गये विकास कार्यों की झलक को भी शामिल किया गया है।

डॉ. हर्ष ने बताया कि राज्य के कला और संस्कृति विभाग के शासन सचिव रवि जैन, उप शासन सचिव बृज मोहन नोगिया, जयपुर की संभागीय आयुक्त एवं राजस्थान ललित कला अकादमी की प्रशासक रश्मि गुप्ता के मार्गदर्शन में बनायी गयी हैं।

राजस्थान का गौरव कही जानेवाली हवेलियों को हाल ही में राजस्थान के पर्यटन विभाग ने विकसित कर म्यूजियम में बदलने का सराहनीय प्रयास किया है, ताकि देशी विदेशी पर्यटक इनका दीदार कर सकें।

इस सांस्कृतिक झांकी में विकसित भारत की संकल्पना के तहत राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति में समायीं महिलाओं के सुप्रसिद्ध त्यौहार तीज ओर खेतीबाड़ी और उद्योगों में जल संरक्षण, सौर ऊर्जा के विकास का सुन्दर ढंग से प्रदर्शन किया गया है। झांकी का निर्माण कार्य इंवेंटिवो क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड फैब्रिकेटर द्वारा किया गया है। झांकी को नेशनल कैनवास पर उतारने के लिए उनके साथ कलाकार हरशिव शर्मा, विनय शर्मा, समुद्र सिंह और प्रीति सोलंकी अकादमी की पूरी टीम ने फैब्रिकेटर के साथ मिल कर रात दिन काम किया है।

उल्लेखनीय है कि भारत पर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर वर्ष 2014 से दिल्ली में अनवरत मनाया जा रहा है। इस पर्व का उद्देश्य विविधताओं से भरे भारत के सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन करना और कलाकारों का उत्साहवर्द्धन करना है।

भारत पर्व में इस बार राजस्थान की झांकी भी अन्य झांकियों के साथ दिल्लीवासियों और देश-विदेश के दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगी।

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