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मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला : अगले 5 साल तक देश के 80 करोड़ गरीबों को मिलता रहेगा मुफ्त अनाज

मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला : अगले 5 साल तक देश के 80 करोड़ गरीबों को मिलता रहेगा मुफ्त अनाज

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National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news : केन्द्र सरकार 01 जनवरी, 2024 से पांच साल की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करेगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में योजना के विस्तार को मंजूरी दी है।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। पीएमजीकेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजना है। इसका उद्देश्य 05 साल की अवधि में 11.80 लाख करोड़ की अनुमानित लागत पर 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए भोजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना तीन वर्षों तक रहेगी जारी  

फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना को कैबिनेट ने तीन वर्षों तक जारी रखने की मंजूरी दे दी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 01 अप्रैल 23 से 31 अप्रैल 26 तक केन्द्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के रूप में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) को जारी रखने की मंजूरी दी है। इसके तहत 1952.23 करोड़ (केन्द्रीय हिस्से के रूप में 1207.24 करोड़ रुपये और राज्य के हिस्से के रूप में 744.99 करोड़ रुपये) रुपये का वित्तीय निहितार्थ होगा।

केन्द्रीय अंश निर्भया फंड से वित्त पोषित योजना 2 अक्टूबर 2019 को शुरू की गयी थी, ताकि समर्पित अदालतों के रूप में डिजाइन किये गये एफटीएससी यौन अपराधियों के लिए निवारक ढांचे को मजबूत करते हुए पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करते हुए त्वरित न्याय सुनिश्चित कर सकें।

विशेष पोस्को न्यायालयों की स्थापना अनिवार्य 

भारत सरकार ने अगस्त 2019 में बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पोस्को) से सम्बन्धित मामलों के समय पर निस्तारण को एफटीएससी की स्थापना के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना तैयार की थी। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए योजना ने 100 से अधिक पोस्को अधिनियम मामलों वाले जिलों के लिए विशेष पोस्को न्यायालयों की स्थापना को अनिवार्य कर दिया। प्रारम्भ में अक्टूबर 2019 में एक वर्ष के लिए शुरू की गयी इस योजना को अतिरिक्त दो वर्षों के लिए 31 मार्च 23 तक बढ़ा दिया गया था। अब इसे 1952.23 करोड़ निर्भया फंड से वित्त पोषित केन्द्रीय हिस्सेदारी के साथ मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। योजना के अपेक्षित परिणाम में यौन और लिंग आधारित हिंसा समाप्त करने के लिए देश की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करना और बलात्कार व पोस्को अधिनियम के लम्बित मामलों को काफी हद तक कम करने की है, जिससे न्यायिक प्रणाली पर बोझ से राहत मिलेगी।

महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने की योजना को भी मंजूरी

ड्रोन प्रदान करने की योजना को मंजूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने की योजना को मंजूरी दी है। इसपर वित्त वर्ष 2024-25 से 2025-26 की अवधि के लिए 1261 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। इस योजना का लक्ष्य 2023-24 से 2025-2026 की अवधि के दौरान कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को किराये की सेवाएं प्रदान करने के लिए 15,000 चयनित महिला एसएचजी को ड्रोन प्रदान करना है। ड्रोन प्रदान करने के लिए समूहों की पहचान की जायेगी। केन्द्रीय वित्तीय सहायता से ड्रोन और सहायक उपकरण व सहायक शुल्क की लागत का 80 प्रतिशत भार उठाया जायेगा। यह अधिकतम आठ लाख रुपये होंगे। एसएचजी के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) राष्ट्रीय कृषि इन्फ्रा फाइनेंसिंग सुविधा (एआईएफ) के तहत ऋण के रूप में शेष राशि (खरीद की कुल लागत घटाकर सब्सिडी) बढ़ा सकते हैं। एआईएफ ऋण पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज छूट प्रदान की जायेगी।

15 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जायेगा

18 वर्ष और उससे अधिक उम्र की योग्य महिला सदस्य को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और एलएफसी द्वारा 15 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जायेगा। इसमें 05 दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और पोषक तत्वों के कृषि उद्देश्य के लिए अतिरिक्त 10 दिवसीय प्रशिक्षण शामिल होगा। कीटनाशकों का प्रयोग, बिजली के सामान, फिटिंग और यांत्रिक कार्यों की मरम्मत करने के इच्छुक एसएचजी के अन्य सदस्य व परिवार के सदस्य का चयन एसआरएलएम और एलएफसी द्वारा किया जायेगा, जिन्हें ड्रोन तकनीशियन व सहायक के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा। ये प्रशिक्षण ड्रोन की आपूर्ति के साथ एक पैकेज के रूप में प्रदान किया जायेगा।

लागत कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा

एसएचजी को ड्रोन खरीदने, ड्रोन कंपनियों के माध्यम से ड्रोन की मरम्मत और रखरखाव में आनेवाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, एलएफसी ड्रोन आपूर्तिकर्ता कम्पनियों और एसएचजी के बीच एक पुल के रूप में कार्य करेगा।

एलएफसी एसएचजी के साथ ड्रोन द्वारा नैनो उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग को भी बढ़ावा देगा। एसएचजी नैनो उर्वरक और कीटनाशक अनुप्रयोगों के लिए किसानों को ड्रोन सेवाएं किराये पर देंगे। यह परिकल्पना की गयी है कि योजना के तहत अनुमोदित पहल 15 हजार एसएचजी को स्थायी व्यवसाय और आजीविका सहायता प्रदान करेगी और वे प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होंगे। सरकार के अनुसार यह योजना किसानों के लाभ के लिए बेहतर दक्षता, फसल की पैदावार बढ़ाने और संचालन की लागत को कम करने के लिए कृषि में उन्नत प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

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