Ranchi news : 27 फ़रवरी को झारखण्ड उच्च न्यायालय ने TET संबंधी महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया कि मध्य विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित (ग्रेड 4) शिक्षक के पद प्रोन्नति के लिए नए सिरे से वरियता सूची जारी की जाए। हाई कोर्ट के इस फैसले पर झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के तमाम पदाधिकारियों ने प्रशंसा जाहिर की है।
नए पद पर प्रोन्नति हेतु TET उत्तीर्ण होना आवश्यक
राज्य के प्राथमिक शिक्षकों (इंटर प्रशिक्षित शिक्षक) को मध्य विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (ग्रेड 4) शिक्षक के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया जारी है, जिस पर राज्य के TET उत्तीर्ण शिक्षकों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि RTE प्रावधान के अनुसार और NCTE के गाइडलाइन के अनुसार किसी भी नए पद पर प्रोन्नति हेतु TET उत्तीर्ण होना आवश्यक है और ग्रेड 4 की प्रोन्नति में भी इसे अनिवार्य बनाते हुए केवल TET उत्तीर्ण को ही प्रोन्नति दी जाए ।
इसे लेकर सरायकेला खरसावां जिले के शिक्षक मंगल सिंह बेसरा vs राज्य सरकार के मामले में शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
बड़ी कामयाबी हासिल की
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सौरभ शेखर ने पक्ष रखते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की। इस पर जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने अपने आदेश में उपायुक्त सह अध्यक्ष ,जिला शिक्षा स्थापना समिति सरायकेला खरसावां और गुमला को आवेदकों की आपत्ति का निराकरण करने के बाद ही नई वरियता सूची जारी करने का आदेश दिया है।
इस आदेश को TET उत्तीर्ण शिक्षकों की बड़ी जीत माना जा रहा है। अब केवल TET उत्तीर्ण शिक्षकों को ही पद प्रोन्नति मिल सकेगी।
पूर्व में मद्रास हाई कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी समान मामले में प्रोन्नति में TET को अनिवार्य माना था
उल्लेखनीय है कि पूर्व में मद्रास हाई कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी समान मामले में प्रोन्नति में TET को अनिवार्य माना था। मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर सुनवाई अंतिम दौर में है और जल्द ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी आ सकता है। इस पर झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री आनंद किशोर साहू महासचिव श्री बलजीत सिंह ने कहा कि झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ RTE के समस्त प्रावधानों को पूरी तरह से लागू करने का पक्षधर है और चाहता है कि शिक्षा में गुणवत्ता को देखते हुए सभी प्रकार की प्रोन्नति प्रकिया में TET को अनिवार्य किया जाए और उच्च न्यायालय का यह आदेश स्वागत योग्य है।