New Delhi news : लोकसभा ने सोमवार को ‘बिल आफ लैडिंग‘ विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसका उद्देश्य बिल आफ लैडिंग या लदान पत्र जारी करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करना है। ‘लैडिंग बिल‘ मालवाहक की ओर से शिपर (माल भेजने वाले) को जारी किया जाता है। इसमें ले जाये जा रहे माल के प्रकार, मात्रा, स्थिति और गंतव्य जैसे विवरण शामिल होते हैं। विधेयक कानून बनने पर ब्रिटिश काल में बने भारतीय लैंडिंग अधिनियम, 1856 को प्रतिस्थापित करेगा।
विधेयक पर दिनभर चली चर्चा का जवाब देते हुए बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्री सबार्नंद सोनोवाल ने बताया कि लदान पत्र एक अनुबंध का साक्ष्य है और एक कानूनी दस्तावेज है। यह वास्तव में कोई अनुबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विकास के विजन के साथ जनता मिल कर काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने नेतृत्व में आज सरकार स्वतंत्र भारत की कानून व्यवस्था लागू कर रही। विधेयक 160 साल पुराने कानून का स्थान लेगा।
उन्होंने कहा कि इसे मालवाहक और माल भेजनेवालों के साथ व्यापक चर्चा और कानून के जानकारों से विमर्श के बाद लाया गया है। इसका उद्देश्य कार्यपद्धति का सरलीकरण करना है। साथ ही, ऐसा कानून बनाना है, जो हितधारकों को आसानी से समझ आये। यह एक महत्त्वपूर्ण रिफॉर्म बिजनेस करना आसान बनायेगा।
लोकसभा में राहुल गांधी ने की वोटर लिस्ट पर चर्चा कराने की मांग
लोकसभा में नेता विपक्ष नेता राहुल गांधी ने सोमवार को सदन में मतदाता सूची में अनियमितता का मुद्दा उठाया और कहा कि देशभर से इसकी शिकायतें मिल रही हैं। गैर एनडीए शासित राज्यों से यह मुद्दा उठ रहा है। राहुल ने विशेष रूप से महाराष्ट्र का उदाहरण दिया। साथ ही, उन्होंने मांग की कि पूरा विपक्ष चाहता है कि सदन में वोटर लिस्ट पर चर्चा होनी चाहिए।
लोकसभा में शून्य काल की चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि सरकार मतदाता सूची नहीं बनाती, लेकिन पूरा विपक्ष चाहता है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हो। विपक्षी राज्यों और पूरे देश से मतदाता सूची पर सवाल उठ रहे हैं। पूरा विपक्ष संसद में वोटर लिस्ट पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है।
तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने भी हरियाणा और पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों में एक जैसे निर्वाचक फोटो पहचान कार्ड संख्याओं का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह की गड़बड़ियों से प. बंगाल और असम में आगामी चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से मतदाता सूची के विस्तार से जांच किये जाने की मांग की।
उधर, सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में भी राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक महीने से अधिक हो गया है। पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग से हमने मांगें की थीं। यह मांगें अब तक पूरी नहीं की गयी हैं। सवाल आज भी वैसे ही बने हुए हैं। अब वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट नामों के नए सबूत सामने आये हैं, जिससे और भी नये और गम्भीर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए यह चर्चा बहुत जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों में मतदाता सूची का मुद्दा सदन में उठाया था। तब राहुल गांधी ने कहा था कि महाराष्ट्र चुनावों से पहले करीब 70 लाख नये मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया था।
डीएमके सरकार तमिलनाडु में एनईपी 2020 को लागू नहीं करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है : प्रधान
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू नहीं करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है।
धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पीएम श्री स्कूल को लेकर डीएमके सांसद टी सुमति के एक सवाल के जवाब में कहा कि एक समय पीएम श्री योजना को स्वीकार करने के लिए तमिलनाडु सरकार केन्द्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए तैयार थी। लेकिन, बाद में उसने इस मुद्दे पर यूटर्न ले लिया।
तमिलनाडु में नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के मुद्दे पर आज सदन में डीएमके सांसद अपना विरोध जताने के लिए वेल में आ गये। डीएमके सांसदों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।
इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘वे असभ्य, अलोकतांत्रिक लोग हैं और तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे उनका भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। वे तमिलनाडु के लोगों के प्रति बेईमान हैं। यह लोग राष्ट्र को गुमराह कर रहे हैं।’