▪︎ विश्व वानिकी दिवस पर कार्यशाला आयोजित
Ranchi News: विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर झारखंड जैव विविधता पर्षद, रांची के पीसीसीएफ सह सदस्य सचिव संजीव कुमार की अध्यक्षता में पलाश भवन, डोरंडा में एक कार्यशाला आयोजित की गयी। इसमें जिले के विभिन्न जैव विविधता प्रबंधन समिति के मुखिया, उपमुखिया, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। सदस्य सचिव संजीव कुमार ने सभी को विश्व वानिकी दिवस की शुभकामनाएं दीं और वनों में उपलब्ध जैव विविधता के माध्यम से रोजगार के अवसरों में रुचि लेने और जागरूक होने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस दिशा में जैव विविधता पर्षद हरसम्भव सहयोग प्रदान करेगा।
कार्यक्रम में वनों से प्राप्त खाद्य पदार्थ जैसे कंद, लता, फल आदि और उनके कृषि पर प्रभाव को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान वनों और जैव विविधता का जीविकोपार्जन से सीधा संबंध होने पर एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया।
सदस्य सचिव ने बताया कि तसर, लाह, बांस और जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर विकसित किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड की खास तसर ईकोरेस, जो अब केवल दुमका और गिरिडीह तक सीमित रह गयी है, विलुप्ति के कगार पर है। इस तसर की खेती को बढ़ावा देकर जीविकोपार्जन का मजबूत स्रोत बनाया जा सकता है।
संजीव कुमार ने यह भी जानकारी दी कि सारंडा में उपलब्ध तसर विश्व का सबसे बड़ा स्रोत है। वहां की आदिवासी महिलाएं इसकी खेती कर लाखों रुपये कमा रही हैं। इसी तरह, बांस की खेती और हस्तशिल्प उद्योग को भी बढ़ावा देकर आजीविका के अवसरों को विकसित किया जा सकता है।
बांस हस्तशिल्प के कारीगर हुए सम्मानित
बांस हस्तशिल्प के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देनेवाले रांची के दाहु ग्राम के महावीर मेहली, तेजनारायण गंजू, रमेश चंद्र कुम्हार, जहाना प्रवीण, नीतू तिर्की, अनीता तिर्की, अरुण कुमार महली, दिनेश तिग्गा, आकाश कुमार महतो, उम्मे अम्मारा और मनीषा शंकर को पर्षद द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में इन कारीगरों ने अपने पंचायत के अन्य लोगों को भी जैव विविधता संरक्षण और रोजगार बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया