Jharkhand news : यदि हम राजनीतिक दृष्टि से सभी दलों के प्रवक्ताओं पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी के टॉप मोस्ट फायर ब्रांड प्रवक्ता संबित पात्रा की एक अलग पहचान और छवि दिखाई देती है। वैसे तो बहुत से उनके आलोचक उन्हें जोकर टाइप प्रवक्ता कहते हैं। लेकिन, वास्तव में उन्हें कई विषयों का गहरा ज्ञान भी है। वह पैसे से एक डॉक्टर हैं। वह जब गांधी परिवार पर अटैक करते हैं तो कुछ-कुछ नाटकबाजी की अच्छी शैली का परिचय देते हैं। जो हो, हमारा मकसद उनके गुण-दोष पर ज्यादा ध्यान देना नहीं है। बस बताना यह है कि ओडिशा के इस बीजेपी सांसद का झारखंड से भी गहरा लगाव रहा है। झारखंड की कोल नगरी धनबाद में ही उनका जन्म हुआ था। यहीं पर उनका बचपन बीता था। उनके पिता रविंद्र नाथ स्टील प्लांट में काम करते थे। अभी मात्र 50 साल के हुए हैं संबित पात्रा, लेकिन लगता ज्यादा साल के हैं।
आज पुरी के हैं सांसद
ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से एक पुरी इस बार के लोकसभा चुनाव में वीआईपी सीट बन गई थी। यहां से खुद संबित पात्रा चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने 1 लाख वोटों से जीत हासिल की। इसके पहले वह दो बार चुनाव हार चुके थे। 2019 में इसी सीट पर वह कुछ हजार वोटो से ही हारे थे
बोकारो में हुई प्रारंभिक पढ़ाई
मीडिया से प्राप्त प्रोफाइल पारक जानकारी मिली है कि संबित पात्रा की प्रारंभिक पढ़ाई झारखंड के बोकारो के चिन्मयानंद विद्यालय में हुई थी। ओडिशा के संबलपुर मेडिकल कॉलेज से उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने मेडिकल में सर्जरी की पढ़ाई की है। उन्होंने अपना कैरियर एक मेडिकल ऑफिसर के रूप में शुरू किया था।
एनजीओ के बन गए फाउंडर
मेडिकल ऑफिसर के तौर पर काम करते वक्त उन्होंने ‘स्वराज’ नाम के एक NGO की शुरुआत की। इस दौरान उनकी पहचान कई बीजेपी नेताओं से हुई। फिर 2010 में वह पूर्ण रूप से बीजेपी के हो गए। इसके बाद लगातार भाजपा में अपना कद बढ़ाते रहे। आज के समय में वह पीएम मोदी के भी प्रिय हैं और अमित भाई के भी।