Chhattisgarh news : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छत्तीसगढ़-ओड़िशा बॉर्डर पर स्थित भालू डिग्गी के जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में बड़ी कामयाबी मिलने की सम्भावना जतायी जा रही है। इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपती सहित 16 के मारे जाने की रायपुर संभाग के आईजी ने पुष्टि की है। इन सभी 16 नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किये जा चुके हैं। इस मुठभेड़ में अब तक 20 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। इसमें एक जवान भी घायल हुआ है, जिसे एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है।
रविवार की रात से शुरू हुई मुठभेड़
रविवार की रात से शुरू हुई मुठभेड़ में मंगलवार सुबह तक 16 नक्सलियों को मारे जाने की पुष्टि हुई है। मुठभेड़ अभी खत्म नहीं हुई है। इसमें लगभग 1000 जवानों ने करीब 60 नक्सलियों को घेर रखा है। इसके लिए बैकअप पार्टी भी भेजी गयी है और ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इससे पहले सुरक्षाबलों ने 15-20 किमी के इलाके को घेरा था, अब नक्सली सिमट कर 03 किमी के इलाके में आ गये हैं। गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा, ओडिशा के नुआपाड़ा एसपी राघवेन्द्र गूंडाला, ओड़िशा डीआईजी नक्सल ऑपरेशन अखिलेश्वर सिंह और कोबरा कमांडेंट डीएस कथैत ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
आईजी अमरेश मिश्रा ने की पुष्टि
रायपुर संभाग आईजी अमरेश मिश्रा ने 16 नक्सलियों के शव और हथियार बरामद होने की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मुठभेड़ में एके 47, एसएलआर, इंसास जैसे अन्य ऑटोमेटिक हथियार बरामद किये गये हैं। फिलहाल, सर्च अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में मिले अत्यधुनिक हथियारों से साबित है कि इसमें कई बड़े कैडर के इनामी नक्सली मारे गये हैं। नक्सलियों की भालू डिग्गी के जंगल में सूचना पर छत्तीसगढ़ और ओड़िशा पुलिस की ओर से संयुक्त अभियान चलाया गया। इसमें 10 टीमें एक साथ निकली थीं। 03 टीम ओड़िशा से, 02 टीम छत्तीसगढ़ पुलिस से और 05 सीआरपीएफ का बल इस अभियान में शामिल हैं। इसी दौरान नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्यवाही में बड़ी संख्या में नक्सली मारे गये हैं। सुरक्षा के लिहाज से भाटीगढ़ स्टेडियम को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये थे।
ड्रोन कैमरे से देखकर नक्सलियों को मारा
उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों में अब तक हुए बड़े नक्सली मुठभेड़ों में ड्रोन का उपयोग मुठभेड़ के समय नहीं किया जा गया, क्योंकि जंगल इतने ज्यादा हैं कि कुछ भी दिखना सम्भव नहीं हो पाता। ड्रोन कैमरे से देख कर नक्सलियों को मारने का प्रयोग गरियाबंद जिले के छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर स्थित भालू डिग्गी के जंगल में पहली बार किया गया है। जिन नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, वे सेंट्रल कमेटी के बड़े कैडर के बताये जा रहे हैं। गरियाबंद में अब तक डीवीसीएम (डिविजनल कमेटी मेंबर), एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) ही मूवमेंट करते थे। लेकिन, इस तरफ पहली बार टॉप लीडरों की मौजूदगी दिखी है। इसका कारण हो सकता है कि बस्तर में अबूझमाड़ तक फोर्स के कैंप बन चुके हैं। अबूझमाड़ और पामेड़ ही नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था, लेकिन लगातार जारी मुठभेड़ों में बड़ी संख्या में बड़े कैडर के नक्सलियों के मारे जाने से नक्सलियों के गरियाबंद की तरफ भागने की बात सामने आ रही है। बस्तर के बाद गरियाबंद का मैनपुर इलाका ओडिशा से लगा हुआ है। दोनों राज्यों में आने-जाने के लिए जंगल का रास्ता अधिक आसान होने के साथ ही यहां छिपने के लिए भी ठिकाने हैं। नक्सली धमतरी के सिहावा, कांकेर, कोंडागांव होते हुए यहां से भी ओड़िशा भाग सकते हैं।
सीएम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा किया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा कर लिखा कि गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना अंतर्गत कुल्हाड़ीघाट क्षेत्र में सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ रविवार रात से अब तक जारी मुठभेड़ में 16 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। मार्च 2026 तक देश-प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प को मजबूती प्रदान करते हुए सुरक्षाबल के जवान निरन्तर सफलता हासिल कर लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जवानों को मिली यह कामयाबी सराहनीय है। उनकी बहादुरी को सलाम करता हूं। हमारी डबल इंजन की सरकार में निश्चित ही हमारा छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा।
सुरक्षा बलों को मिली सफलता नक्सलवाद को एक और करारा झटका : अमित शाह
New Delhi news : केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मुठभेड़ में 14 नक्सलियों के मारे जाने के बाद सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को एक और करारा झटका। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है।
गृहमंत्री ने ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, ‘नक्सलवाद को एक और करारा झटका। नक्सल मुक्त भारत बनाने की दिशा में हमारे सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। ओड़िशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर सीआरपीएफ, एसओजी ओड़िशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को ढेर कर दिया। नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से आज नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।’
एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़-ओड़िशा सीमा पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के कुल्हाड़ी घाट स्थित भालू डिग्गी जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में अब तक 14 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है। इनमें एक करोड़ का इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपति भी मारा गया है। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने हथियार भी बरामद किये गये हैं, जिनमें एसएलआर राइफल जैसे ऑटोमैटिक हथियार शामिल हैं। नक्सल विरोधी इस सर्च ऑपरेशन में गरियाबंद ऑपरेशन ग्रुप ई30, कोबरा 207, सीआरपीएफ की 65 और 211 बटालियन, और एसओजी नुआपाड़ा की संयुक्त टीम शामिल है।