Mumbai news, Bollywood news : आज से ही नहीं, बहुत पहले से मुंबई की माया नगरी के प्रति युवाओं में गजब की ललक देखी जाती रही है। बहुत से युवक वहां जाकर एक्टर बनने की मन में ख्वाहिश पहले रहते हैं, लेकिन किसी-किसी की ही यह ख्वाहिश पूरी होती है और पूरी भी होती है तो किस रूप में यह कोई नहीं बता सकता। आज हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के खलनायक सुरेश ओबेरॉय की। सुरेश सिर्फ अच्छी आवाज के मालिक नहीं हैं, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी के अलावा पंजाबी, तेलुगू, तमिल भाषा भी बोलने में परफेक्ट हैं। उन्होंने फिल्मों में आने के पहले ही 1 अगस्त 1974 को यशोधरा से मद्रास में शादी की थी। उनकी पत्नी पंजाबी परिवार से है। कपल के बेटे का नाम विवेक ओबेरॉय जो कि एक्टर हैं और बेटी का नाम मेघना ओबेरॉय हैं।
पंजाब से हैदराबाद और हैदराबाद से मुंबई
वास्तव में देखा जाए तो सुरेश ओबेरॉय को सिर्फ एक विलन के रूप में ही नहीं देखा जा सकता है उनमें एक्टिंग की गंभीरता है आवाज में गंभीरता है और अंदाज भी अपनी किस्म की अलग है फिल्मों में कई तरह के उन्होंने किरदार निभाए हैं इसलिए उन्हें मल्टीफेसटेड एक्टर कहा जा सकता है। सुरेश ओबेरॉय का जन्म आजादी के ठीक पहले 1946 में बलूचिस्तान के क्वेटा में हुआ था। पंजाबी परिवार में जन्मे सुरेश ओबेरॉय का परिवार विभाजन के बाद पंजाब आ गया। इसके बाद हैदराबाद में रहने लगे। फिल्मों के प्रति झुकाव के कारण वह हैदराबाद से मुंबई आए और 1977 में अपना फ़िल्मी करियर शुरू किया। ऐसा कहा जाता है कि हैदराबाद से मुंबई आते वक्त उनकी जेब में मात्र ₹400 थे।
इस फिल्म से शुरू किया अपना करियर
1977 में फिल्म ‘जीवन मुक्त’ में उन्होंने पहली बार काम किया। से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘काला पत्थर’ सुरक्षा, कर्तव्य जैसी फिल्में में सहायक अभिनेता के तौर पर काम किया। 1980 में आई ‘एक बार फिर’ में उन्हें मुख्य भूमिका में काम करने का अवसर मिला।