Health News : सेहत ही सबसे बड़ा धन है तो किसी भी तरह से इसकी रक्षा करने के बाद ही दूसरा धन कमाया जा सकता है। इसीलिए कहावत में कहा गया है कि पहले जान, उसके बाद जहान। जान ही नहीं तो जहान किस काम का। सेहत है तो जीवन सार्थक है और इसके लिए शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार पोषक तत्वों को तो लेना ही पड़ेगा। यदि हम शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार देखें तो तमाम भोज्य पदार्थों में कुछ खास सूखे फलों से मिलने वाले पोषक तत्व रेयर होते हैं और उनकी मात्रा थोड़ी भी ली जाए तो शरीर स्वस्थ रहता है। इन सूखे फलों में पिस्ता का एक खास स्थान है। सूखे फलों कोई मेवा भी कहा जाता है। सेवा में ही मेवा है, लेकिन सही मायने में मेला में ही सेवा की ताकत है। अब पहले पिस्ता के रंग रूप और प्रकृति की बात करें, फिर इसके पोशाक तत्वों और महत्व की।
हरे रंग का सूखा मेवा, पोषक तत्वों से भरपूर
सामान्य रूप से देखने में पिस्ता हरे रंग का सूखा मेवा है। मिठाई की दुकानों में मिठाइयों को ऊपर से सुंदर दिखाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। लेकिन, मिठाई खाने के साथ जब हम इसे खाते हैं तो इसका महत्व हमारे शरीर के लिए भी हो जाता है। यह सूखा मेवा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका सेवन वजन को संतुलित करने से लेकर, रक्तचाप व इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित रखने में किया जा सकता है। इसका वैज्ञानिक नाम पिस्टेसिया वेरा है। यह ईरान, अफगानिस्तान, सयुंक्त राज्य अमेरिका और सीरिया में बड़े अधिक पाया जाता है। ईरान में पिस्ता की पैदावार सबसे अधिक होती है।
सेहत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है पिस्ता
पिस्ता का थोड़ा-थोड़ा भी नियमित सेवन करने से कई बीमारियों से लड़ने में शरीर को मदद मिलती है। इसमें सैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओलिक व लिनोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन और फाइबर होता है। पोषण विशेषज्ञ बताते हैं कि पिस्ता में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है अर्थात शरीर में कहीं चोट लगने पर यह चोट के दर्द को कंट्रोल करता है। उसमें एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा देते हैं। पिस्ता में वुंड हीलिंग कैपेसिटी भी होती है इससे घाव के जल्द सूखने में मदद मिलती है। एक शोध से पता चला है कि 12 हफ्ते तक पिस्ता के सेवन से बॉडी मास इंडेक्स (बीएमई) में कमी आ सकती है। पिस्ता में एंटीओबीस प्रॉपर्टीज भी होती है, जिससे स्टार्च ब्लॉकेज, भूख में कमी, वसा का अवशोषण और लो एनर्जी डेंसिटी का काम कर सकता है। इससे वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है।
बढ़ाता है लाभकारी प्रोटीन
पिस्ता के सेवन से लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल) कम हो सकता है। पिस्ता हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (लाभकारी कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने का काम कर सकता है। लो- डेंसिटी लिपोप्रोटीन के कम होने पर कोरोनरी हार्ट डिजीज और इस्केमिक हार्ट डिजीज का जोखिम कम हो सकता है। पिस्ता में फैटी एसिड जैसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
आंखों की रोशनी को मजबूत करेगा
पिस्ता में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे कैरोटीनॉयड होते है, जो आंखों के रेटिना के लिए लाभकारी हो सकते हैं। आहार में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन की कमी के कारण बढ़ते उम्र के साथ होने वाले ऐज रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन (एएमडी) की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसमें ठीक तरह से दिखाई देना कम हो सकता है। बढ़ती उम्र में पिस्ता का सेवन आंखों की रोशनी को मजबूत बनाता है।
मस्तिष्क को बनाता है तेज
विशेषज्ञ बताते हैं कि पिस्ता में फेनोलिक कंपाउंड होता है। समें एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। ये एड्रेनाजिक (तांत्रिक कोशिकाओं से संबंधित) और नॉरएड्रेनाजिक (मस्तिष्क संबंधी हार्मोन) रिसेप्टर फंक्शन में उम्र से संबंधित परिवर्तन को प्रभावित कर सकते हैं। इससे मस्तिष्क को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके अलावा, पिस्ता में फ्लेवोनॉएड भी होता है। यह आपकी स्मरण शक्ति को मजबूत बनाने में मदद करता है।