नयी दिल्ली : केन्द्रीय बजट 2025-26 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि सरकार ने देश के सभी राज्यों के किसानों का बजट में ध्यान रखा है। पहली बार बजट की शुरुआत कृषि एवं किसान से हुई है। चूंकि, कृषि से जुड़ी बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बजट पूर्व चर्चा में किसानों की प्रमुख मांग किसान सम्मान निधि बढ़ाने, कृषि आदान सामग्री पर जीएसटी खत्म करने और जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की मांग की गयी थी, जिसके पूर्ण नहीं होने से किसानों को निराशा हुई है।
बजट में गांवों व कृषि को प्राथमिकता में रखने पर उन्होंने वित्त मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि भारतीय किसान संघ ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की मांग की थी, जिसे बजट में 03 लाख से बढ़ा कर 05 लाख किया गया है। इससे देश के सभी किसानों को लाभ होगा और निश्चित तौर पर खाद्यान्न उत्पादकता में वृद्धि दर्ज होगी।
मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के माध्यम से सरकार देश के कम उत्पादकता वाले 100 जिलों के लिए विकासशील जिला कार्यक्रम के तहत कार्य करने वाली है, जिससे इन कमजोर जिलों में कृषि रोजगार के अवसरों में वृद्धि से करोड़ों किसानों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही हल्दी बोर्ड के गठन के बाद सरकार ने फसल विविधता को बढ़ावा देने बजट में मखाना बोर्ड बनाकर मखाने का उत्पादन, मार्केटिंग, प्रोसेसिंग व ब्रांडिंग कर किसानों को लाभ दिलाने की बात कही है। पूर्वोत्तर राज्यों में खाद की कमी को दूर करने सरकार असम में नया यूरिया प्लांट लगाने जा रही है, जो स्वागत योग्य कदम है।
किसान हितैषी और गांवों के विकास व समृद्धि का बजट : भारतीय किसान संघ
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