New Delhi news: कोविड महामारी की शुरुआत चीन से हुई थी और अब एक बार फिर से चीन में एक वायरस फैलने लगा है, जिसने दुनिया में तनाव पैदा कर दी है। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर कई वीडियोज सामने आए हैं और दावा किया गया है कि कई जगह इमरजेंसी तक घोषित कर दी गई है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस भी कुछ कोरोना वायरस की ही तरह है। यह छोटे बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों सभी उम्र के लोगों पर असर कर रहा है। यह एक सांस संबंधी वायरस है, जिसे सबसे पहले साल 2001 में पहचाना गया था। हालांकि, चीन में तेजी से यह अब फैल रहा है। यह वायरस उन लोगों पर ज्यादा असर करता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है। चीन में अभी तक कितने मामले सामने आए है, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन जापान में भी बड़ी संख्या में केस सामने आने लगे हैं। जापान में 15 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में 94 हजार से ज्यादा केस सामने आए थे, जबकि अभी कुल मामलों की संख्या जापान में 7,18,000 है।
भारत सरकार अलर्ट
चीन में फैल रहे इस वायरस को लेकर भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। न्भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन में एचएमपीवी (मानव मेटान्यूमोवायरस) के प्रकोप की अटकलों के बीच देश में श्वसन और मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
चिंता की बात नहीं
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशायल के अधिकारी डॉक्टर अतुल गोयल ने हवा के जरिए फैलने वाले सभी वायरसों से सावधानी बरतने का सुझाव दिया। डॉक्टर गोयल ने कहा कि चीन में फैल रहे वायरस को लेकर जो वर्तमान स्थिति बन रही है। हमें उसकी वजह से डरने की जरूरत नहीं है।
अगर किसी को खांसी और सर्दी है, तो आपको खुद को लोगों से दूर कर लेना चाहिए, जिससे सर्दी ज्यादा न फैले। इसके अतिरिक्त खांसने, छींकने के लिए एक अलग रूमाल या तौलिया का इस्तेमाल करें। अगर ज्यादा तबीयत खराब हो रही है तो फिर सामान्य दवाएं ले सकते हैं, जो कि आवश्यक हों। इसके अतिरिक्त ज्यादा चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है।
बीमारी के लक्षण
एचएमपीवी के लक्षण फ्लू और अन्य सांस संबंधी बीमारियों के समान ही हैं। इसके सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। वहीं, जब हालत ज्यादा गंभीर हो जाती है, तो वायरस ब्रोंकाइटिस या निमोनिया में बदल जाता है। एक बार वायरस की चपेट में आने के बाद व्यक्ति तीन से छह दिनों तक बीमार रह सकता है। छींकने और खांसने की वजह से भी यह वायरस दूसरे लोगों में फैल सकता है। इस वायरस के लक्षण ज्यादातर बुखार और कोरोना वायरस वाले ही हैं।
किसे ज्यादा खतरा?
वैसे तो हर उम्र वाले लोगों को इस वायरस से खतरा है, लेकिन सबसे ज्यादा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और ऐसे लोगों को खतरा है, जिनका इम्यून सिस्टम बहुत अच्छा नहीं है। ऐसे लोगों को वायरस से अलर्ट रहने की जरूरत है।
बचाव
इस वायरस से बचने के लिए कोरोना वाले ही उपाय हैं। लोगों को साबुन से अपने हाथ धोने चाहिए। बार-बार आंख, नाक और मुंह को गंदे हाथों से छूने से बचें। जो इस बीमारी से पीड़ित है, उससे उचित दूरी बनाए रखें। अगर किसी को ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो वह खुद को आइसोलेट कर ले। वहीं, जब कोई इस वायरस से पीड़ित शख्स छींक रहा हो, तो उससे दूरी बना लें। बीमार रहने पर घर में आराम करें।