New Delhi News: कांग्रेस ने केन्द्र सरकार से आदिवासियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की मांग की है। इसके साथ ही जल-जंगल-जमीन की लड़ाई लड़ रहे लोगों की मांगें स्वीकार करने, गोंडी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने और 09 अगस्त (विश्व आदिवासी दिवस) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने की मांग की है।
आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष एवं झाबुआ के विधायक हैं डॉ विक्रांत भूरिया
आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष एवं झाबुआ के विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया ने सोमवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के 12 करोड़ आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। वन अधिकार अधिनियम आदिवासियों को जंगलों पर अधिकार देता है, लेकिन असलियत में आदिवासियों को किसी तरह के अधिकार नहीं मिल रहे हैं। भूरिया ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में सरकार 40% वनों को निजी कम्पनियों को देने की तैयारी है। नतीजतन, वहां के आदिवासियों को जंगल की उन जमीन से बेदखल कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हसदेव जंगल (छत्तीसगढ़) में ‘वन अधिकार अधिनियम’ के उल्लंघन का सबसे बड़ा उदाहरण देखने को मिल रहा है। वहां अभी तक 01 लाख पेड़ों को काटा जा चुका है और आगे खनन के लिए 2.5 से 03 लाख पेड़ों को और काटा जायेगा।