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चैत्र नवरात्र : किस दिन होगी कलश स्थापना? क्या आप जानते हैं साल में चार बार मनाई जाती है नवरात्रि ?

चैत्र नवरात्र : किस दिन होगी कलश स्थापना? क्या आप जानते हैं साल में चार बार मनाई जाती है नवरात्रि ?

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Dharm adhyatm, Navratri : साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिनमें दो प्रकट नवरात्रि – चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि होती है। बाकी दो गुप्त नवरात्रि के रूप में मनाई जाती हैं। इस साल 2025 की पहली चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू हो रही है। नवरात्रि का पर्व विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। इसमें पूजा का प्रारंभ कलश स्थापना से होता है। आइए अब जानते हैं चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना के मुहूर्त और इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त 2025

कलश स्थापना नवरात्रि की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इस दौरान विशेष मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। 2025 में कलश स्थापना के लिए निम्नलिखित मुहूर्त हैं।

पहला मुहूर्त

30 मार्च 2025, सुबह 06:13 बजे से 10:22 बजे तक।

दूसरा मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त)

30 मार्च 2025, दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक।

इन मुहूर्तों में कलश स्थापना करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।

कलश स्थापना के नियम

✓कलश स्थापना के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम और विधियों का पालन करना आवश्यक है, ताकि पूजा सही तरीके से सम्पन्न हो और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

✓ सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें। पूजा स्थल की शुद्धता से ही सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

✓ कलश स्थापना करने से पहले अष्टदल बनाना चाहिए। यह 8 पंखुड़ियों वाला एक रूप होता है, जो नक्षत्रों और देवी-देवताओं की आशीर्वाद को आकर्षित करता है।

✓ कलश हमेशा सोना, चांदी, तांबा, या मिट्टी से बना होना चाहिए। इन सामग्रियों से बने कलश को शुभ माना जाता है, और वे पूजा में अधिक प्रभावी माने जाते हैं।

✓ उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में कलश स्थापना करना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिशा में कलश रखने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।

✓ कलश पर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए। यह शुभता का प्रतीक होता है और देवी दुर्गा के आशीर्वाद को आकर्षित करता है।

✓ कलश पर मौली लपेटें, फिर आम के पत्ते रखें और उसके ऊपर एक नारियल रखें। यह विधि कलश को शुद्ध और संपूर्ण बनाती है।

✓ एक पात्र में मिट्टी डालें और उसमें 7 प्रकार के अनाज बोएं। यह अनाज धरती की उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक होते हैं।

✓ अब कलश में लौंग, हल्दी, अक्षत (चिउड़े), सिक्का, इलायची, पान और फूल डालें। ये सभी चीजें समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक मानी जाती हैं।

✓ कलश स्थापना के बाद, दीपक जलाएं और मां दुर्गा की पूजा अर्चना शुरु करें। दीपक से वातावरण में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

कलश स्थापना के लाभ

✓कलश स्थापना का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि यह घर में सुख-समृद्धि और समृद्धि का संकेत भी है। इस प्रक्रिया को विधिपूर्वक करने से निम्नलिखित लाभ होंगे।

✓ घर में शांति, सुख और समृद्धि का वास होता है।

✓ आरोग्य की प्राप्ति होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

✓ देवी दुर्गा की कृपा से जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और वित्तीय समृद्धि आती है।

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