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मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी सीईओ, डीईओ, ईआरओ को वैधानिक ढांचे के भीतर मुद्दों को हल करने के दिये निर्देश

मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी सीईओ, डीईओ, ईआरओ को वैधानिक ढांचे के भीतर मुद्दों को हल करने के दिये निर्देश

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New Delhi News: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को देशभर के सभी सीईओ, डीईओ, ईआरओ, बीएलओ सहित सभी अधिकारियों से पारदर्शी तरीके से काम करने और सभी वैधानिक दायित्वों को पूरी लगन से पूरा करने के निर्देश दिये। वह नयी दिल्ली के आईआईआईडीईएम में सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के सीईओ के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

वैधानिक स्तरों पर सभी दलों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में मौजूदा कानूनी ढांचे यानी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951; मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार काम करने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को राजनीतिक दलों के प्रति सुलभ और उत्तरदायी होने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी वैधानिक स्तरों पर सभी दलों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए, ताकि सम्बन्धित सक्षम प्राधिकारी ; यानी ईआरओ या डीईओ या सीईओ द्वारा मौजूदा वैधानिक ढांचे के भीतर किसी भी मुद्दे को हल किया जा सके। प्रत्येक सीईओ द्वारा मुद्देवार की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट 31 मार्च तक उनके सम्बन्धित डीईसी को प्रस्तुत की जानी है।

सभी नागरिक संविधान के अनुच्छेद 325 और 326 के अनुसार मतदाता सूची में पंजीकृत हों

ज्ञानेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि सभी सीईओ, डीईओ, आरओ, ईआरओ को अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश के सभी नागरिक, जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं, संविधान के अनुच्छेद 325 और अनुच्छेद 326 के अनुसार मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी बीएलओ को मतदाताओं के साथ विनम्र व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाये।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक मतदान केन्द्र में 800-1200 मतदाताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास करें तथा यह सुनिश्चित करें कि मतदान केन्द्र प्रत्येक मतदाता के निवास से 02 किलोमीटर की दूरी पर हो। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान को आसान बनाने के लिए उचित न्यूनतम सुविधाओं वाले मतदान केन्द्र स्थापित किये जाने चाहिए। शहरी क्षेत्रों में मतदान बढ़ाने के लिए ऊंची इमारतों के साथ-साथ झुग्गी बस्तियों में भी मतदान केन्द्र स्थापित किये जाने चाहिए।

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