▪︎ जेंडर सेंसिटाइजेशन एंड इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (जीएसआईसीसी) का पुनर्गठन किया
New Delhi News: देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस संजीव खन्ना ने करीब दो महीने के अपने कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में एक और बदलाव किया है। उन्होंने शीर्ष अदालत में जेंडर सेंसिटाइजेशन एंड इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (जीएसआईसीसी) का पुनर्गठन किया है। 11 सदस्यों वाली इस समिति में जस्टिस बी वी नागरत्ना को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार की ओएसडी सुजाता सिंह इसके सदस्य सचिव बनाई गई हैं।
इस पैनल में जस्टिस नोंगमईकापम कोटिस्वर सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी, लिज मैथ्यू और बांसुरी स्वराज को सदस्य बनाया गया है। इनके अलावा कमेटी में अधिवक्ता नीना गुप्ता, सौम्यजीत पानी और साक्षी बंगा के अलावा मधु चौहान को भी शामिल किया गया है, जो सुप्रीम कोर्ट बार क्लर्क्स एसोसिएशन की प्रतिनिधि हैं। कमेटी में डॉ. लेनी चौधरी, कार्यकारी निदेशक, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सेंटर इन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भी सदस्य बनाया गया है। उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित किया गया है।
पहले जस्टिस हिमा कोहली इस कमेटी की अध्यक्ष थी
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार (कोर्ट एंड बिल्डिंग) के हस्ताक्षर से जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में महिलाओं के लिंग संवेदनशीलता और यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण), विनियम, 2013 के विनियमन उपखंड 4(2) के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इस समिति का गठन किया है। इससे पहले जस्टिस हिमा कोहली इस कमेटी की अध्यक्ष थीं, जो पिछले साल अक्टूबर में रिटायर हो गई थीं।