Lucknow news : बारह साल पहले 2013 में की गई सीओ जिआउल हक हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हत्याकांड में आरोपित 10 लोगों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सीओ की हत्या में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पाल को दोषी करार दिया। कोर्ट ने सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस केस में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह और उनके करीबी गुलशन यादव भी आरोपी थे, लेकिन दोनों को सीबीआई जांच में पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है।
राजाभैया को मिली थी क्लीन चिट
यूपी पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात जियाउल हक की दो मार्च 2013 को कुंडा में हत्या कर दी गई थी। घटना के समय वह बालीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की हत्या की सूचना पर उनके घर मिलने गए थे। तभी भीड़ ने सीओ पर हमला बोल दिया था। भीड़ को देखकर बाकी पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गए थे, लेकिन जियाउल हक वहीं रह गए थे। भीड़ ने सीओ को पहले बुरी तरह से पीटा था। इसके बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस केस में सीबीआई ने अप्रैल 2013 में ग्राम प्रधान के बेटे पवन, बबलू, फूलचंद और मंजीत यादव को सीओ जियाउल हक की हत्या केस में गिरफ्तार किया था। इस केस में कुंडा विधायक राजा भैया का भी नाम उछला था। उनपर आरोप था कि राजाभैया के मैनेजर नन्हें सिंह ने डीएसपी पर गोली चलाई थी। हालांकि राजाभैया की इस हत्याकांड में भूमिका नहीं पाई गई। सीबीआई की जांच में दोबारा राजाभैया को क्लीनचिट मिल गई।