नयी दिल्ली : कांग्रेस आलाकमान ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में 13 राज्यों और तीन केन्द्र शासित प्रदेशों के जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के साथ मैराथन बैठक की। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में कांग्रेस संगठन को जिला स्तर पर मजबूत बनाने पर गहन चर्चा की गयी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने सम्बोधन में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस बैठक का महत्त्व इस बात से स्पष्ट है कि हम एआईसीसी अधिवेशन से ठीक पहले देशभर के सभी जिला अध्यक्षों के साथ यहां मौजूद हैं। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव परिणामों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उस समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थोड़ा और मेहनत की होती तो पार्टी को मिली 100 सीटों में 20-30 सीट का और इजाफा हो सकता था। उस स्थिति में देश में वैकल्पिक सरकार बन सकती थी। उन्होंने आह्वान किया कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की ओर से जारी लड़ाई को वास्तविक धरातल पर ले जाना होगा।
कांग्रेस जिला अध्यक्षों की भूमिका की चर्चा करते हुए खड़गे ने कहा कि आप सिर्फ हमारे संदेशवाहक नहीं, बल्कि पार्टी के सेनापति हैं, जो जमीन पर आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं। इसलिए राहुल गांधी और मैंने आपसे सीधे संवाद की जरूरत को पहचाना। देश के सामने कई समस्याएं हैं। अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है। गरीबों, हाशिये पर पड़े समुदायों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों पर हमले बढ़ रहे हैं। कांग्रेस अपनी बात को साबित करने और सामाजिक न्याय को बहाल करने के लिए जाति जनगणना की मांग कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विदेशी मामलों में अमेरिका जैसे देश न केवल हमारे नागरिकों का अपमान कर रहे हैं बल्कि काउंटर-टैरिफ लगा कर हमें शमिंर्दा भी कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में साम्प्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी लड़ाई बहुत बड़ी है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चर्चा लोगों के मुद्दों पर केन्द्रित रहे। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने हमें दिखाया कि हम अगर लोगों के मुद्दे उठायेंगे, उनकी बात करेंगे, तो लोग हमसे जुड़ेंगे। हम पर विश्वास करेंगे।
खड़गे ने राज्य स्तर पर चुनाव जीतने के लिए दीर्घकालिक रणनीति के साथ एकजुटता से काम करने पर जोर देते हुए कहा कि हमारी विचारधारा मजबूत है लेकिन राज्यों में संगठन को मजबूत किये बिना सत्ता में वापस आना सम्भव नहीं होगा। यहां प्रतिनिधित्व करनेवाले राज्यों में से हम वर्तमान में दो राज्यों (कर्नाटक, तेलंगाना) में स्वतंत्र रूप से सत्ता में हैं और एक (तमिलनाडु) में गठबंधन में हैं। अगले साल (मार्च-अप्रैल 2026) असम, केरल, पुदुचेरी और तमिलनाडु में चुनाव होंगे। अपने जिले के हर उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है। हम साथ मिल कर काम करेंगे, लेकिन आप जमीन पर हमारी पहली रक्षा पंक्ति हैं। हमारी रणनीति बनाने में आपके इनपुट महत्त्वपूर्ण होंगे और हम उन्हें ध्यान में रखेंगे। आप लोगों को मतदाता सूची प्रबंधन पर खास देने की आवश्यकता है।