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साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहे देश : द्रौपदी मुर्मू

साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहे देश : द्रौपदी मुर्मू

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▪︎राष्ट्रपति ने रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के छात्र अधिकारियों को किया सम्बोधित

New Delhi News: भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह तैयार रहने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखना है, बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी नयी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना है। जलवायु परिवर्तन का मुद्दा नये आयाम हासिल कर रहा है, जिसे समझने और प्रबंधित करने की जरूरत है।
राष्ट्रपति मुर्मू गुरुवार को तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के छात्र अधिकारियों और शिक्षकों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पाठ्यक्रम छात्र अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारियों के लिए और रणनीतिकारों के रूप में तैयार करेगा, जो जटिल परिस्थितियों से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम होंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज ने भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षित करने और शिक्षित करने में सराहनीय योगदान दिया है। पिछले सात दशकों में इस कॉलेज ने मध्यम स्तर के अधिकारियों को पेशेवर रूप से तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभायी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों का सभी लोग इसलिए सम्मान करते हैं, क्योंकि वे देश की सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में सबसे आगे हैं। राष्ट्रपति ने यह जानकर खुशी जतायी कि अब महिला अधिकारी भी तीनों सेनाओं में विभिन्न इकाइयों की कमान सम्भाल रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती ताकत और भूमिका ; विशेषकर युवा लड़कियों के लिए उत्साहजनक और प्रेरणादायक है। उन्होंने सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद जतायी, जहां वे असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन कर के नये क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है और दुनिया रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे विकास को स्वीकार कर रही है। भारत भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को तैयार रखने के क्रम में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा देश एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है और एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार और बड़ा रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है।

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