Dhanbad News : शुक्रवार को दुर्गामंदिर हीरापुर , धनबाद में अजीत राय स्मारक समिति धनबाद द्वारा कोयलांचल के प्रखर साहित्यकार एवं लेखक स्व. अजीत राय का तीसरी पुण्यतिथि अजीत राय स्मारक समिति के अध्यक्ष प्रो. डॉ. दीपक कुमार सेन की अध्यक्षता में मनाई गई। संचालन बरनाली गुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर सर्व प्रथम स्व. अजीत राय की तस्वीर पर उपस्थित साहित्यकार, लेखक, कवि, सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई । अजीत राय की तीसरी पुण्यतिथि पर अजीत राय स्मारक सभा के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर दीपक कुमार सेन ने कहा की अजीत राय बांग्ला एवं हिंदी के प्रखर लेखक थे। उन्होंने अपने जीवन में 40 पुस्तकों को लिखा उसमें सबसे महत्वपूर्ण हिंदी और बंगला में पुस्तक है , झारखंड के इतिहास और धनबाद की इति कथा यह दोनों पुस्तक शोध परक तथ्यों के साथ है । लेकिन आज हम अजीत राय के तीसरी स्मरण सभा मना रहे हैं ।वह मात्र 59 वर्ष के उम्र में हम लोग को छोड़कर चले गए।
अजीत राय का असमय चला जाना बड़ा नुकसान
भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. काशी नाथ चटर्जी ने कहा की अजीत राय का असमय चला जाना कोयलांचल के गरीब , शोषित वर्गों के लिए एक बहुत बड़ा नुक़सान है। वह अपने जीवन में 40 पुस्तकों का रचना किया । शोध परक और तथ्य परख पुस्तक के साथ-साथ उपन्यास भी लिखें ।उनके उपन्यास कोयलांचल के गरीबों और शोषितों पर है ।साथ-साथ कॉमरेड ए. के. रॉय पर भी इन्होंने उपन्यास लिखा। लेकिन उनका असमय चला जाना बहुत ही दुखद है। जब हम उनके जीवन के बारे में चर्चा करते हैं तो हम कह सकते हैं कि इस समय जब पूरी दुनिया में सांप्रदायिकता का ध्रुवीकरण हो रहा है लेखकों की भूमिका और चुनौती बढ़ा है। अगर अजीत राय होते तो वह अपने कलम से बेबाक लिखते हमें प्रत्येक वर्ष उन्हें याद करना चाहिए और आने वाले दिन में उनके नाम पर पुस्तकालय खोलने का भी कोशिश करनी चाहिए।
महान लेखक थे अजीत राय
प्रो. वरुण सरकार ने उन्हें महान लेखक बताया। हेमंत जसवाल ने उन्हें क्रांतिकारी लेखक बताया । कवि कनकन गुप्ता ने इनको बंगला के प्रख्यात लेखक बताया । कल्याण कुमार घोषाल ने कहा कि अजीत राय हमारे पास आते थे और बहुत सारी जानकारी मुझसे लेते थे । अंजन चक्रवर्ती ने कहा कि अजीत सरल हृदय के थे। रवि सिंह ने कहा वर्तमान समय में उनकी जरूरत थी।
ज्ञान विज्ञान समिति के सचिव भोला नाथ राम ने कहा कि अजीत राय ज्ञान विज्ञान आंदोलन से जुड़े हुए थे उनके नाम पर पुस्तकालय खोलने की आवश्यकता है । तपन राय ने कहा कि अजीत राय को धनबाद हमेशा याद रखेगा ।
विकाश कुमार ठाकुर ने कहा कि चौथी पुण्यतिथि सिंदरी में मनाई जाएगी।
कार्यक्रम का संचालन कर रही बरनाली गुप्ता ने कहा कि अजीत राय हमारे हीरापुर के रहने वाले थे। साहित्य के अलावा उनके साथ हमारा एक अलग रिश्ता था। मैं और मेरे पति डॉ. प्रियदर्शी गुप्ता उनके साहित्य के अनुरागी हैं। उनकी सभी पुस्तक हमारे पास हैं। उपरोक्त के अलावा जयदीप बनर्जी , स्वप्न माजी, शिशिर राय चौधरी , जगबंधु आचार्य आदि अपने विचार रखे ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मधेश्वर नाथ भगत , बाबला सेन गुप्ता , विश्वजीत गुप्ता , लेखिका सुदेशना राणा , चिरणमय मित्र , अजीत राय के बड़े भाई माणिक राय मित्रा आदि का योगदान रहा।