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रक्षा समिति ने वायु सेना को आधुनिक और ताकतवर बनाने की सिफारिशें सरकार को सौंपी

रक्षा समिति ने वायु सेना को आधुनिक और ताकतवर बनाने की सिफारिशें सरकार को सौंपी

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▪︎ समिति की रिपोर्ट मिलने पर सिफारिशों का समयबद्ध तरीके से पालन किये जाने के निर्देश

New Delhi news : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निर्देश पर गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने भारतीय वायु सेना को आधुनिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को पहचाना है। इसी आधार पर वायु सेना को और ताकतवर बनाने के उपाय सुझाते हुए रक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने वायु सेना में लड़ाकू विमानों की कमी और हर साल भारत में कम से कम 35-40 सैन्य विमानों के निर्माण की जरूरत बताई थी।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित हुई थी उच्चस्तरीय समिति

रक्षा मंत्री के निर्देश पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति को सभी मुद्दों की समग्र जांच करने और एक स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। समिति में वायु सेना के उप प्रमुख, सचिव (रक्षा उत्पादन), रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष, महानिदेशक अधिग्रहण सदस्य व वायु सेना के सदस्य सचिव शामिल थे। इस समिति ने भारतीय वायु सेना की युद्ध प्रभावशीलता को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और हथियारों सहित क्षमता विकास के हर पहलू की समीक्षा करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है, जो रक्षा मंत्री को सौंप दी गई है।

समिति ने अपनी सिफारिशों में वायु सेना को और ताकतवर बनाने के उपाय सुझाए हैं

रक्षा मंत्रालय के अनुसार रिपोर्ट में वायु सेना को आधुनिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है। समिति ने अपनी सिफारिशों में वायु सेना को और ताकतवर बनाने के उपाय सुझाए हैं। उच्चस्तरीय समिति की यह रिपोर्ट तब सामने आई है, जब हाल ही में वायु सेना प्रमुख ने लड़ाकू विमानों की कमी और हर साल भारत में कम से कम 35-40 सैन्य विमानों के निर्माण की जरूरत बताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत के हवाई बेड़े को यह जरूरत अगले 5-10 वर्षों में मौजूदा बेड़े को चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने के बाद पैदा होने वाली कमियों को भी पूरा करने के लिए है। वायु सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा था कि हमें इस लंबी लड़ाई को लड़ने में सक्षम होने की आवश्यकता है, जिसके लिए हमें युद्ध के दौरान हथियारों के लिए जरूरी उत्पादन दर के साथ सक्षम होने की जरूरत है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार समिति ने प्रमुख महत्व वाले क्षेत्रों की पहचान की है तथा अल्प, मध्यम और दीर्घ अवधि में कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें की हैं, ताकि भारतीय वायु सेना के वांछित क्षमता संवर्धन लक्ष्यों को आसानी से हासिल किया जा सके। रिपोर्ट में एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रयासों को पूरक बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। रक्षा मंत्री ने समिति की रिपोर्ट मिलने पर सिफारिशों का समयबद्ध तरीके से पालन किये जाने के निर्देश दिए हैं।

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