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अजा, अजजा, पिछड़ा और अल्पसंख्यक विभाग की अनुदान मांग झारखंड विधानसभा से पारित

अजा, अजजा, पिछड़ा और अल्पसंख्यक विभाग की अनुदान मांग झारखंड विधानसभा से पारित

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Ranchi News: विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को भोजनावकाश के बाद अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की 30 अरब सात करोड़ 54 लाख और 33 हजार रुपये की अनुदान मांग पारित हो गयी। अनुदान मांग पर विपक्ष की ओर से भाजपा विधायक प्रकाश राम ने कटौती का प्रस्ताव रखा, जिसे सरकार की ओर से वापस लेने का आग्रह किया गया। लेकिन, विधायक प्रकाश राम ने कटौती वापस लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद स्पीकर रबींद्र नाथ महताे ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया।
वहीं, कटौती की मांग रखते हुए विधायक प्रकाश राम ने राज्य से आदिवासी समुदाय के पलायन और उनकी जमीन का हस्तांतरण सादे कागज पर होने का मामला उठाया।

आदिवासियों को जमीन बेचने का मिले अधिकार : प्रकाश

विधायक प्रकाश राम ने कहा कि आदिवासियों की 85 प्रतिशत जमीन सादे कागज पर हो रहा है। इससे वे दूसरे राज्यों में पलायन करने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि वनों की अंधाधुंध कटाई से वनोपज पर आश्रित लोगों की आय कम हुई है। राज्य के वनोपज पर बड़ी-बड़ी कम्पनियों की नजर है। उन्होंने कहा कि सरकार सीएनटी एक्ट को शिथिल कर आदिवासियों को 25 डिसमील जमीन बेचने का अधिकार दे। ताकि, वे इस पैसे का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और उनके विवाह में इस्तेमाल कर सकें।
प्रकाश राम ने कहा कि लातेहार जिला में दो डिग्री कॉलेज बन कर तैयार है, लेकिन यहां पढ़ाई शुरू नहीं की गयी है। इससे आदिवासी बहुल जिला लातेहार के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। सरकार से उन्होंने इन दोनों कॉलेजों में पढ़ाई शुरू कराने की मांग की। साथ ही, उन्होंने नेतरहाट में पर्यटन से सम्बन्धित दर्जे को खत्म करने की मांग की। विधायक ने कहा कि नेतरहाट में पर्यटकों की आवागमन से वहां के प्रख्यात स्कूल में पठन-पाठन बाधित हो रहा है।

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