New Delhi News: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि विकसित भारत के लिए युवाओं की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है, युवाओं के बिना विकसित भारत सम्भव नहीं है। विकसित भारत का संकल्प युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है और इसकी सिद्धि के लिए उनकी सक्रिय भूमिका अनिवार्य है।
जयशंकर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हंसराज कॉलेज में ‘विकसित भारत के लिए युवा’ विषय पर आयोजित एक इंटरेक्शन कार्यक्रम में युवाओं से संवाद कर रहे थे। इस अवसर पर डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने जयशंकर का स्वागत करते हुए कहा कि जयशंकर डीयू के सम्मानित पूर्व विद्यार्थी हैं। ऐसे कर्मयोगी पर डीयू को गर्व है।
तकनीक आधारित इस युग में युवा ही तकनीक के सर्वाधिक करीब हैं
जयशंकर ने विकसित भारत में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि तकनीक आधारित इस युग में युवा ही तकनीक के सर्वाधिक करीब हैं। युवा तकनीक के रचनात्मक उपयोग से सर्वाधिक परिचित हैं इसलिए उनकी क्षमता का उपयोग विकसित भारत के संकल्प की दृष्टि से बेहद अहम है।
विदेश मंत्री ने कहा कि नयी दिल्ली देश की राजधानी है और दुनिया भर से आनेवाले लोग दिल्ली को देखकर भारत के सम्बन्ध में अपनी राय बनाते हैं, इसलिए विकसित भारत के लिए विकसित दिल्ली आवश्यक है। दिल्ली में लोगों को जरूरी सुविधाएं मिलें, अधिक से अधिक कॉलेज हों, अच्छी सड़कें हों, साफ पानी उपलब्ध हो और एक आदर्श शहर के रूप में यह विकसित हो ; इस दिशा में काम करना बेहद आवश्यक है।
युवा अपने भविष्य और देश के भविष्य को एक साथ केन्द्र में रखें
जयशंकर ने विद्यार्थियों के सवाल के जवाब में कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे अपने नागरिक दायित्व और भूमिका का निर्वाह करने के क्रम में अपने भविष्य और देश के भविष्य को एक साथ केन्द्र में रखें। उन्होंने युवाओं से चर्चा के क्रम में भारत की विदेश नीति, कूटनीति, दुनिया के देशों से भारत के बढ़ते सम्बन्धों और बढ़ती साख आदि अनेक आयामों पर विस्तार से अपनी बातें रखीं और इस सम्बन्ध में भारत सरकार की नीतियों और प्रयासों से सम्बंधित अनेक आयामों को भी सामने रखा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, सरकार के सामाजिक और कल्याणकारी कार्यों एवं योजनाओं जैसे सबके लिए आवास, जल, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य आवश्यक संरचनाओं को लोगों को सुलभ कराने की सरकार की प्राथमिकता पर भी प्रकाश डाला।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार देश की जरूरतों को ध्यान में रख कर लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे प्राप्त करने की दिशा में निरन्तर बड़ी ही शिद्दत से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उपनिवेश काल में भारत के संसाधनों की हुई लूट से बाहर निकल कर देश ने आजादी के बाद से लगातार काफी तरक्की की है। लेकिन, हाल के वर्षों में सरकार ने उसे और अधिक गति देने का प्रयास किया है, क्योंकि जितना कुछ हुआ है उससे कहीं अधिक करने की आवश्यकता और गुंजाइश है। विकसित भारत का संकल्प और राष्ट्रीय लक्ष्य उसी दिशा में एक महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय अभियान है और इसके लिए यह सही समय है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अपने विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर का स्वागत करते हुए कहा कि वह देश के लिए निरंतर शानदार और सफल प्रदर्शन करनेवाले कर्मयोगी हैं तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए आदर्श हैं। उन्होंने राजनयिक और विदेश मंत्री के रूप में उनके प्रभाव और प्रदर्शन की सराहना की। कुलपति ने विद्यार्थियों से विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में अपनी भूमिका निभाने का भी आह्वान किया।
विदेश मंत्री ने खुल कर विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर दिये
विद्यार्थियों के साथ प्रश्नों की कड़ी में विदेश मंत्री ने खुल कर सबके प्रश्नों के उत्तर दिये। इस क्रम में उन्होंने भारत की वर्तमान नीति और सोच से सम्बंधित चित्र को सामने रखा और युवा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। जब एक विद्यार्थी ने डॉ. जयशंकर से पूछा कि वह एक बॉस के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कैसे देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का अपना-अपना नजरिया हो सकता है, उनकी नजर में मोदी एक अच्छे मोटिवेटर हैं। वह वही करते हैं, जो देश के लिए जरूरी है।
कार्यक्रम में डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, डीयू एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, उप प्राचार्या प्रो. विजय रानी राजपाल एवं कार्यक्रम संयोजिका अलका कक्कड़ सहित अनेक शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।