Mumbai news, Maharashtra news, dharmik, Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious : क्या आपने कभी परिकल्पना भी की है कि महज नौ वर्ष की कोई बच्ची खाने-खेलने की उम्र में मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर हो गई हो, ऐसा बिरला ही होता है। ऐसी ही आध्यात्मिक बच्चियों में से एक है मुम्बई की देशना। वह स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से सांसारिक जीवन को त्यागने को तैयार है। वह दिसंबर में पवित्र समवेद शिखर स्थित ऋजुबालिका में दीक्षा ग्रहण करेंगी। इसके लिए उसने माता-पिता से भी अनुमति ले ली है।
साध्वी बुआ के संपर्क में आने से बढ़ा रुझान
देशना अपनी बुआ साध्वी परमपुण्या के संपर्क में आकर अध्यात्म की ओर बढ़ी। परमपुण्या से उसने न सिर्फ धर्म का मर्म और साधु जीवन की कठिनाइयों को भी समझा, बल्कि साधु-साध्वी संघ के साथ गुजरात से कोलकाता तक की पदयात्रा भी पूरी कर डाली। आपको बता दें देशना के भाई भी दीक्षा ले चुके हैं। वह अब मुनि योगाशयप्रभ विजय जी महाराज के नाम से जाने जाते हैं।
न मोबाइल से रहा नाता, न ही टीवी से रहा वास्ता…
देशना का बचपन से न तो मोबाइल से नाता रहा है और न ही टीवी से वास्ता। माता-पिता ने हमेशा महापुरुषों की कहानियां ही सुनाई हैं। भाई की दीक्षा देखने के बाद वह स्वप्रेरणा से साध्वी परमपुण्या के पास आ गई और साधु जीवन से परिचित होने लगी। 22 वर्ष पूर्व देशना की बुआ की पहचान कल्पना बेन और जयंतीभाई की बेटी श्रद्धा कुमारी के रूप में थी।