Dharm adhyatm : आज के हाई तकनीकी युग में भी लोग ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव की जानकारी लेने में रुचि रखते हैं। ऐसा नहीं है कि ऐसा करने वाले सभी लोग भाग्यवादी होते हैं। भाग्य तो होता ही है, नहीं तो आखिर फर्श से अर्श तक पहुंचाने का मुहावरा क्यों प्रचलित होता। कभी-कभार ऐसा देखा जाता है कि मेहनत करने वाला पीछे रह जाता है और किसी-किसी को भाग्य आसमान में कुलांचे भरवाने लगता है। तंत्र, मंत्र और ज्योतिष के क्षेत्र में बहुत सारी बातें किसी के बारे में बताई जाती हैं। व्यक्ति के जन्म कुंडली से कुंडली विशेषज्ञ बहुत कुछ बता देते हैं। आज नीचभंग राजयोग के बारे में जानते हैं।
गलत को सही दिशा में लाना
राजयोग का सामान्य मतलब शासन प्रशासन और प्रतिष्ठा से लिया जाता है। कुंडली विशेषज्ञ भारी कृष्णा बताते हैं कि यदि किसी इंसान की कुंडली में सूर्य की वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो उसे राज्य की तरफ से आसानी से कुछ भी हासिल हो जाता है। इस विशेषता का व्यक्ति अपनी बात को वरिष्ठ लोगों के सहयोग से सफल बनाने के योग्य माना जाता है। यदि किसी कुंडली में बुध की वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो व्यक्ति अनैतिक कार्यों में तेजी से आगे बढ़ता है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति के शुभेच्छु उसे सही दिशा में वापस ला सकते हैं।
कुंडली में चंद्रमा के कारण राजयोग
कुंडली विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा के कारण नीचभंग राजयोग बनता है तो व्यक्ति भावुक और जल्दी से विश्वास करने वाला होता है। ऐसे में उसे ठगा जा सकता है और उसे हानि पहुंचाई जा सकती है। यदि किसी की कुंडली में मंगल की वजह से नीचभंग राजयोग बनता है, तो वह अत्यंत हिंसक हो सकता है। आक्रोश में बहुत गलत कदम उठा सकता है। ऐसे व्यक्ति को अनायास धन संपत्ति की प्राप्ति हो जाती है।
पद, प्रतिष्ठा और पैसा
कुंडली के जानकारों की राय में अगर किसी शख्स की कुंडली में शुक्र के कारण नीचभंग राजयोग बनता है, तो उसे प्रसिद्धि और धन मिल सकता है। इसके कारण वह अहंकारी बन जाता है। यदि किसी की कुंडली में गुरु की वजह से नीचभंग राजयोग बनता है तो जातक की बुद्धि, ज्ञान में विकास होता है और वह लगभग हर कार्य में कुशल माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में शनि के नीचभंग राजयोग बनता है, तो अधिक व्यावहारिक होता है और लोग उसकी इज्जत करते हैं।